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Bhadohi: निर्देश के बाद भी एक्सपो मार्ट में कमियां दूर करने को नहीं बना स्टीमेट, CM के सामने सीईपीसी ने रखी थी मांग

शासन के निर्देश पर पिछले साल अक्टूबर में भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) ने 1.67 करोड का स्टीमेट शासन को प्रेषित किया था लेकिन वह स्टीमेट पास नहीं हुआ। अब अपर प्रमुख सचिव ने राजकीय निर्माण निगम को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है। इसके अलावा मार्ट में कारगो लिफ्ट के लिए भी निर्माण निगम को प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया गया है।

By ravindra nath pandey Edited By: riya.pandey Updated: Fri, 19 Jan 2024 09:26 AM (IST)
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ज्वाइंट कमिश्नर इंडस्ट्री के निर्देश के बाद भी एक्सपो मार्ट में कमियां दूर करने को नहीं बना स्टीमेट
संवाद सहयोगी, भदोही। शासन के निर्देशों के प्रति कार्यदायी संस्थाएं कितनी गंभीर हैं इसका उदाहरण कारपेट एक्सपो मार्ट है। यहां ज्वाइंट कमिश्नर इंडस्ट्री कानपुर सुधांशु तिवारी ने उप्र राजकीय निर्माण निगम को मार्ट की कमियों को दुरुस्त करने के लिए स्टीमेट तैयार कर जल्द से जल्द प्रेषित करने का निर्देश दिया था पर अभी तक स्टीमेट के प्रति कोई प्रगति नहीं हुई।

जबकि कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) की मांग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्माण एजेंसी के अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया था।

परिषद के प्रशासनिक सदस्य असलम महबूब ने बताया कि अपर प्रमुख सचिव की पहल पर मार्ट की कमियों व सुधार के लिए 18 बिंदुओं पर सूची बनाकर प्रेषित की गई थी। इस पर राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को मानीटरिंग की जिम्मेदारी आयुक्त एवं निदेशक उद्योग कानपुर को सौंपी है।

स्वाचालित सीढ़ी के लिए नए सिरे से बनेगा स्टीमेट

एक्सपो मार्ट में स्वचालित सीढ़ी लगाने की मांग पिछले तीन साल से हो रही है। शासन के निर्देश पर पिछले साल अक्टूबर में भदोही औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीडा) ने 1.67 करोड का स्टीमेट शासन को प्रेषित किया था लेकिन वह स्टीमेट पास नहीं हुआ। अब अपर प्रमुख सचिव ने राजकीय निर्माण निगम को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है। इसके अलावा मार्ट में कारगो लिफ्ट के लिए भी निर्माण निगम को प्रस्ताव बनाने का निर्देश दिया गया है।

वाराणसी राजकीय निर्माण निगम प्रोजेक्ट मैनेजर एसपी गुप्ता के अनुसार,  कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) द्वारा बताए गए बिंदुओं व ज्वाइंट कमिश्नर इंडस्ट्री कानपुर के निर्देशानुसार स्टीमेट बनाया जा रहा है। एक सप्ताह में स्टीमेट तैयार कर लिया जाएगा। आयुक्त एवं निदेशक उद्योग कानपुर से अनुमोदन कराने के बाद इसे शासन में प्रेषित किया जाएगा।  

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