Ganga Water Level In UP गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात बनने जा रहे हैं। कानपुर बैराज से छोड़ा गया पानी रविवार दोपहर बाद भदोही पहुंचेगा। भदोही मीरजापुर समेत कई जिलों में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बहेंगी। प्रशासन ने विद्यालयों को खाली कराकर लोगों के रहने का इंतजाम किया है। पशुओं के चारे की भी व्यवस्था की गई है।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही)। गंगा के तटवर्ती गांवों में इस बार पतित पावनी का रौद्र रूप दिखेगा। कानपुर बैराज से दो दिन पूर्व ही 3.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। वहीं शनिवार को 4.25 लाख क्यूसेक पानी और छोड़ दिया गया। इससे तटवर्ती गांवों में दस दिन बाढ़ जैसी स्थिति होगी।
पूर्वांचल के भदोही, मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और बलिया तक गंगा खतरे के निशान से ऊपर बहेंगी। लगातार पानी छोड़े जाने से भदोही प्रशासन ने तटवर्ती गांव के लोगों के लिए सुरक्षित ठिकाना तैयार कर लिया है। स्कूलों को बंद कर इनमें रहने का इंतजाम किया गया है।
तीन मीटर बढ़ गया गंगा का पानी
शनिवार की दोपहर में फतेहपुर में पानी पहुंचा तो वहां तीन मीटर पानी बढ़ गया। गंगा खतरे के निशान से ऊपर बहने लगीं। भदोही में तीन मीटर पानी बढ़ने की संभावना है। तीन दिन बाद शनिवार को छोड़ा गया पानी पहुंचेगा तो स्थिति और विकट होगी।
पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश के कारण गंगा में पानी बढ़ा तो कानपुर बैराज के 30 गेट खोले गए और 3.50 लाख क्यूसेक पानी गंगा में आ गया है। शनिवार को पानी फतेहपुर पहुंच गया था।
जलस्तर बढ़ने की संभावना को लेकर अलर्ट मोड पर प्रशासन
प्रयागराज में शनिवार की रात्रि में और रविवार की दोपहर बाद भदोही में पहुंचेगा। जल स्तर बढ़ने की संभावना के मद्देनजर प्रशासन अलर्ट मोड में हैं। तहसीलदार ज्ञानपुर अजय सिंह ने सीतामढ़ी, कोनिया, छेछुआ, भुर्रा आदि गांवों का जायजा लिया।
तटवर्ती गांव के लोगों को आगाह किया कि वह घरेलू सामान समेट लें। विद्यालयों में रहने का इंतजाम है, पशुओं के चारे की भी व्यवस्था की गई है। अधिशासी अभियंता नहर सुधीर कुमार पाल ने कहा कि रविवार की दोपहर तक तीन दिन पूर्व छोड़ा गया पानी पहुंच जाएगा।
शनिवार को भी छोड़ा गया 4.25 लाख क्यूसेक पानी
शनिवार को भी कानपुर बैराज से 4.25 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे इस पानी को आने में तीन दिन का समय लगेगा। इससे तटवर्ती गांवों में दस दिन तक बाढ़ जैसी स्थिति रहेगी।
राजस्व विभाग, स्वास्थ्य, पशु पालन विभाग, बीएसए, सिंचाई विभाग समेत 12 विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों की टीम तटवर्ती गांवों के लोगों की मदद को लगाई गई है। सभी को अलर्ट मोड पर रहने को कहा। बाढ़ कंट्रोल रूम से हर घंटे की रिपोर्ट ली जा रही है। कोई नुकसान न हो इसके लिए सारे इंतजाम किए गए हैं।
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विशाल सिंह, जिलाधिकारी
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