कालीन ही नहीं अब भदोही से सब्जी भी हो रही निर्यात, पहली बार जल मार्ग से 40 फीट के एसी कंटेनर से 15 टन भेजी जाएगी हरी मिर्च
अब तक गुजरात महाराष्ट्र केरल से जलमार्ग द्वारा दुबई के लिए सब्जियों का निर्यात किया जा रहा पर अब भदोही भी इसकी शुरुआत कर रहा है। छतमी गांव निवासी शाश्वत पांडेय जलमार्ग से पहली बार 15 टन हरी मिर्च का निर्यात करेंगे। त्रिसागर फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) छतमी से भदोही मीरजापुर प्रयागराज के 400 के अलावा बाराबंकी व रामपुर के 150 किसान जुटे हैं।
जितेंद्र उपाध्याय, भदोही। कालीन निर्यात ही नहीं भदोही से सब्जियां भी निर्यात हो रही हैं। दुबई में हरी सब्जियों की खूब मांग है। अब तक गुजरात, महाराष्ट्र, केरल से जलमार्ग द्वारा दुबई के लिए सब्जियों का निर्यात किया जा रहा पर अब भदोही भी इसकी शुरुआत कर रहा है। छतमी गांव निवासी शाश्वत पांडेय जलमार्ग से पहली बार 15 टन हरी मिर्च का निर्यात करेंगे। वह अपने यहां बने पैक हाउस में इसका संग्रह कर रहे हैं।
वाराणसी के करखियांव पैक हाउस में हरी सब्जियों की पैकिंग करते कृषक शाश्वत पांडेय। (फाइल फोटो) फोटो स्वयं
त्रिसागर फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) छतमी से भदोही, मीरजापुर, प्रयागराज के 400 के अलावा बाराबंकी व रामपुर के 150 किसान जुटे हैं। इन दोनों जिलों के एक-एक किसान ने 40 से 50 हेक्टेयर में मिर्च की खेती की है। चूंकि पूर्वांचल में जनवरी में हरी मिर्च की उपज खत्म हो जाती है, इसलिए वह बाराबंकी और रामपुर की मिर्च मंगा रहे हैं।
तीन साल पूर्व इस एफपीओ से जुड़े किसानों में ऐसे युवा भी जुड़ गए जो बैंकिंग सेक्टर, इंजीनियरिंग से जुड़े थे। वह अब सीजन के हिसाब से पुश्तैनी खेतों और बटाई पर खेत लेकर महीने का एक लाख रुपये तक कमा रहे हैं। अपना उत्पाद एफपीओ को देने के साथ स्वयं भी मंडी, सट्टियों पर पहुंचा कर नकदी कमा रहे हैं।
अच्छा दाम मिला और सरकार की योजनाओं की जानकारी मिली तो त्रिसागर फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) गठित की। इससे भदोही के 40 किसानों को जोड़ा और उनके उत्पाद प्रयागराज मंडी भेजने लगे। इसके बाद मीरजापुर और प्रयागराज के किसान जुड़े और इनकी संख्या 400 से भी अधिक हो गई। बाद में बाराबंकी और रामपुर के लगभग 150 किसान भी उनके एफपीओ से जुड़कर अपनी आर्थिकी मजबूत कर रहे हैं।
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बात 2020 की है। विदेश से पढ़कर लौटे शाश्वत पांडेय पर दवाब था कि पिता के कालीन के कारोबार को आगे बढ़ाए। लेकिन खेती का काम उन्हें ऐसा भाया कि वह किसान बन गए। अपने बाग में निर्यात मानकों पर खरे उतरने वाले लंगड़ा आम की पैदावार की और दुबई भेजा। त्रिसागर फार्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) छतमी के सीईओ शाश्वत पांडेय।अच्छा दाम मिला और सरकार की योजनाओं की जानकारी मिली तो त्रिसागर फार्मर प्रोड्यूसर आर्गेनाइजेशन (एफपीओ) गठित की। इससे भदोही के 40 किसानों को जोड़ा और उनके उत्पाद प्रयागराज मंडी भेजने लगे। इसके बाद मीरजापुर और प्रयागराज के किसान जुड़े और इनकी संख्या 400 से भी अधिक हो गई। बाद में बाराबंकी और रामपुर के लगभग 150 किसान भी उनके एफपीओ से जुड़कर अपनी आर्थिकी मजबूत कर रहे हैं।
कानपुर आइसीडी से होगा पहला निर्यात
15 टन मिर्च की पहली खेप कानपुर आइसीडी (इनलैंड कंटेनर डिपो) से निर्यात होगी। कानपुर से रेलमार्ग से कंटेनर द्वारा मिर्च मुंबई बंदरगाह पहुंचाई जाएगी। सब्जियां दुबई तक बिना खराब हुए पहुंचाने के लिए पूरी तरह 40 फीट के कंटेनर में चार किलो तीन सौ ग्राम के सब्जियों के 3300 पैकेट भेजे जाएंगे। स्थानीय बाजार से वहां दाम अधिक मिलता है। अभी हवाई जहाज से सब्जियां निर्यात होती हैं और पहली बार जलमार्ग से उनकी सब्जी जाएगी।पैक हाउस से पूर्वांचल की मंडियों में भी जाएंगी सब्जियां
त्रिसागर फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी का छतमी में दो करोड़ की लागत से पैक हाउस बना है। यह पूर्वांचल का इकलौता ऐसा पैक हाउस है जो पूरी तरह वातानुकूलित है। यहां सब्जियों को लंबे समय सुरक्षित तक रखा जा सकता है। इसके लिए अलग-अलग केबिन बनाए गए हैं। हरी मिर्च के लिए भी अलग से स्टोर बना है। जैसे ही बाजार में मांग होगी स्थानीय पैक हाउस से फल, हरी मिर्च व अन्य सब्जियां जिलों की मंडी में यहां से जाएंगी।दुबई के लिए हरी मिर्च भेजने की तैयारी चल रही है। पूर्वांचल के जिलों में जनवरी से हरी मिर्च का उत्पादन बंद हो जाता है। इससे बाराबंकी व रामपुर से हरी मिर्च मंगाकर जमा की जा रही है। 15 मार्च तक 40 के फीट एसी कंटेनर में 15 टन मिर्च भेजी जाएंगी। गर्मी में पैक हाउस में सब्जियों व फलों का संरक्षण कार्य भी शुरू हो जाएगा।- शाश्वत पांडेय, सीईओ त्रिसागर फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी छतमी।