अब विद्युत सखियां भी किश्तों में जमा कर सकेंगी Bijli Bill, हर गांव से ऐसे होगा चयन; अब तक केवल विभाग के पास था ये अधिकार
UP Vidyut Sakhi भदोही की 546 ग्राम पंचायतों में एक-एक सखी का इसके लिए चयन करने को 132 क्लस्टर बनाए गए हैं। 15 दिवसीय प्रशिक्षण में इन्हें बिजली बिल जमा कराने कोई छूट है उसकी जानकारी होने के साथ विभागीय आइडी भी दी जाएगी ताकि वह बकाया बिल का भुगतान करने के साथ उसकी रसीद भी अपने पास रख सकें।
जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही)। Electricity Bill: स्वयं सहायता समूह की विद्युत सखियां अब बकाया बिजली बिल को दो या तीन किस्तों में भी जमा करा सकेंगी। अभी तक यह अधिकार विभाग के पास था लेकिन सरकार ने विभागीय मदद के साथ विद्युत सखियों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए इस व्यवस्था से जोड़ दिया है।
अभी तक बिल जमा कराने का काम 83 सखियां कर रही हैं। पर नई व्यवस्था के तहत हर गांव से एक-एक सखी का विद्युत सखी के रूप में चयन किया किया जाना है।
रियल टाइम होगा भुगतान
सरकार की इस व्यवस्था से सखियों को रियल टाइम भुगतान होगा। यानि जो बिल वह आज जमा करेंगी उसका कमीशन उन्हें कल तक उनके खातों में आ जाएगा। अभी तक उन्हें महीने भर काम करने के बाद भुगतान होता था। इसमें भी समय निश्चित समय में भुगतान की गारंटी नहीं रहती है।
कैसे होगा हर गांव से बिजली सखी का चयन
भदोही की 546 ग्राम पंचायतों में एक-एक सखी का इसके लिए चयन करने को 132 क्लस्टर बनाए गए हैं। 15 दिवसीय प्रशिक्षण में इन्हें बिजली बिल जमा कराने, कोई छूट है, उसकी जानकारी होने के साथ विभागीय आइडी भी दी जाएगी, ताकि वह बकाया बिल का भुगतान करने के साथ उसकी रसीद भी अपने पास रख सकें। इसके लिए एक क्लस्टर को पूर्व से काम कर रही पांच-पांच सखियां प्रशिक्षित करेगी। विभाग की ओर से अब तक अभी तक 170 सखियों को चयनित किया गया है।
कैसे होता है इनका भुगतान
ग्रामीण क्षेत्र में यदि दो हजार बिल जमा होता है तो सखी को प्रति बिल 20 रुपये मिलता है। दो हजार के ऊपर एक प्रतिशत भुगतान किया जा रहा, वहीं शहरी क्षेत्र के बिल पर उन्हें दो हजार तक 12 रुपये और इसके ऊपर .25 प्रतिशत कमीशन मिलता है। किस्तों में बिल की राशि जमा कराने पर भी उन्हें इसी तरह उनका कमीशन मिलेगा।
स्वत: रोजगार उपायुक्त श्यामजी के अनुसार, पार्ट पेमेंट व हर गांव में विद्युत सखी के चयन को शासनादेश आ चुका है। इसके लिए पहले से कार्य कर रही 80 सखियों के माध्यम से उन्हें राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा।
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