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मुंबई जाने वाले यात्रियों के लिए राहत भरी खबर, पटरी पर लौटी ये एक्सप्रेस ट्रेन; डेढ़ माह से बदले रूट से हो रहा था परिचालन

बलिया से लोकमान्य तिलक टर्मिनल के बीच चलने वाली 11071-72 कामायनी एक्सप्रेस तथा 15017-18 काशी-दादर एक्सप्रेस। कामायनी एक्सप्रेस का परिचालन जब से बलिया से होने लगा है तब से उसमें यात्रियों का दबाव बढ़ गया है। भदोही से लोगों का सवार होना मुश्किल हो गया है। जनरल कोच पहले से ही पूरी तरह भरा रहता है। ऐसे में काशी-दादर एक्सप्रेस ही एक मात्र सहारा थी लेकिन...

By ravindra nath pandey Edited By: Riya Pandey Updated: Sun, 09 Jun 2024 04:23 PM (IST)
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पटरी पर लौटी ये मुंबई जाने वाली ये एक्सप्रेस ट्रेन
संवाद सहयोगी, भदोही। करीब डेढ़ माह से परिवर्तित रेलमार्ग से चल रही 15017-18 काशी-दादर एक्सप्रेस 12 मई से पुरानी पटरी पर लौट आएगी। विभाग की ओर से वाराणसी-जंघई रेलखंड से ट्रेन चलाने के संकेत मिलने से मुंबई जाने वाले यात्रियों को राहत मिल गई है।

स्टेशन के मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक के अनुसार, सिस्टम में अपडेट कर दिया गया है। प्रयागराज स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्य के मद्देनजर गोरखपुर-लोकमान्य तिलक टर्मिनल के बीच चलने वाली काशी-दादर एक्सप्रेस फिलहाल मीरजापुर-छिवकी रेलमार्ग से चलाई जा रही है। इसके कारण मुंबई जाने वाले यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

भदोही से लोगों का सवार होना मुश्किल

महानगर मुंबई के लिए रेलखंड से महज दो ट्रेनों का प्रतिदिन संचालन होता है। बलिया से लोकमान्य तिलक टर्मिनल के बीच चलने वाली 11071-72 कामायनी एक्सप्रेस तथा 15017-18 काशी-दादर एक्सप्रेस। कामायनी एक्सप्रेस का परिचालन जब से बलिया से होने लगा है तब से उसमें यात्रियों का दबाव बढ़ गया है। भदोही से लोगों का सवार होना मुश्किल हो गया है। जनरल कोच पहले से ही पूरी तरह भरा रहता है।

ऐसे में काशी-दादर एक्सप्रेस ही एक मात्र सहारा थी लेकिन उसका मार्ग परिवर्तित होने से मुंबई जाने वाले यात्रियों की समस्या बढ़ गई है। हर रोज महिलाओं बच्चों व लगेज के साथ स्टेशन पहुंचने वाले यात्रियों को निराश होकर वापस लौटना पड़ता है।

बहरहाल देर से ही सही रेलखंड की महत्वपूर्ण ट्रेन के वापस पटरी पर लौटने के लिए विभाग से हरी झंडी मिल गई है। मुख्य बुकिंग पर्यवेक्षक राजकुमार यादव ने बताया कि 12 जून से ट्रेन का परिचालन वाराणसी-जघंई मार्ग से शुरू हो जाएगा।

वैकल्पिक निकासी मार्ग पर अंधेरा, उचक्कागिरी की खतरा

अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत कायाकल्प के दौर से गुजर रहे भदोही स्टेशन के पुराने भवन को ध्वस्त किया जा रहा है। इसके कारण मुख्य निकासी व बाहर निकलने के अन्य स्रोत बंद कर दिए गए हैं। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जीआरपी चौकी के बगल से रास्ता बनाया गया है लेकिन प्रकाश व्यवस्था नहीं की गई।

इसके कारण, शाम ढलते ही निकासी मार्ग पर अंधेरा हो जाता है। विशेषकर देर रात की ट्रेनों से उतरने वाले यात्रियों को समस्या का सामना करना पड़ता है। वैकल्पिक निकासी मार्ग सुनसान होने के कारण उचक्कागिरी व महिला यात्रियों से छेड़खानी की आशंका बनी हुई है।

इस संबंध में स्टेशन अधीक्षक बीबी मिश्रा का कहना है कि कार्यदाई संस्था को प्रकाश व्यवस्था के लिए जगह जगह हाईमास्ट लगाने के लिए कहा गया है। बताया कि एक दो दिन में लगा दिया जाएगा।

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