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जर्जर आवासों में रहने के लिए विवश राजस्व कर्मचारी

जर्जर आवासों में रहने के लिए विवश राजस्व कर्मचारी

By JagranEdited By: Updated: Fri, 12 Aug 2022 10:03 PM (IST)
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जर्जर आवासों में रहने के लिए विवश राजस्व कर्मचारी

जर्जर आवासों में रहने के लिए विवश राजस्व कर्मचारी

- तीन दशक पहले कराया गया था आवासीय भवनों का निर्माण

- आवासीय कक्षों में बैठकर विभागीय कार्य निपटाते हैं कर्मचारी

जागरण संवाददाता, भदोही : राजस्व वसूली व अन्य कार्यों का दबाव झेल रहे कानून गो व लेखपालों की सुख सुविधा के प्रति शासन प्रशासन की अनदेखी चिंता का विषय बनी है। तहसील कार्यालय परिसर स्थित राजस्वकर्मियों के जर्जर आवास अब गिर तब गिरे की हालत में हैं जबकि इसी में न सिर्फ उनका परिवार रहता है बल्कि आवासीय कक्ष में विभागीय काम भी करते हैं। आवासों के निर्माण की बात तो दूर मरम्मत की सुधि भी नहीं ली जा रही है जबकि समस्या उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है।

तहसील परिसर में तीन दशक पहले राजस्वकर्मियों के लिए आवासीय भवन का निर्माण कराया गया था। रखरखाव के अभाव में इसमें 70 फीसद आवास जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं। कुछ भवनों का तो यह हाल है कि कभी भी धराशाई हो सकते हैं। दूसरा विकल्प न होने के कारण राजस्व कर्मचारी उसमें रहने के लिए विवश हैं। अधिकतर कर्मचारी आवासीय कक्ष में बैठकर विभागीय कार्य भी करते हैं। राजस्वकर्मियों द्वारा कई बार प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है लेकिन संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। लेखपालों का कहना है कि सब कुछ उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है लेकिन समाधान की दिशा में कोई पहल नहीं की जा रही है। तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति का कहना है कि भवन निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजा गया है। जल्द ही जर्जर भवनों की मरम्मत व नया निर्माण कराया जाएगा।

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