सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स और फेसबुक पर डब्ल्यूडब्ल्यूई (WWE) को छोड़ने की दी गई जानकारी का वायरल हुए पोस्ट ने सभी को चौंका दिया है। माथे पर त्रिपुंड धारण करने एवं अध्यात्म और सनातन को जीवन का आधार मानने वाले रिंकू सिंह राजपूत पूरी तरह से शाकाहारी हैं। पोस्ट में भारतवासियों के मान सम्मान पे आ जाए तो त्याग सबसे पहले।
संवाद सहयोगी, ज्ञानपुर (भदोही)। डब्ल्यूडब्ल्यूई के रिंग में बड़े-बड़े विदेशी रेसलरों के छक्के छुड़ाकर अंतरराष्ट्रीय फलक पर देश का नाम रोशन करने वाले जिले के गोपीगंज क्षेत्र के होलपुर निवासी रिंकू सिंह राजपूत ‘वीर महान’ ने डब्ल्यूडब्ल्यूई को गुडबाय कह दिया है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स और फेसबुक पर डब्ल्यूडब्ल्यूई
(WWE) को छोड़ने की दी गई जानकारी का वायरल हुए पोस्ट ने सभी को चौंका दिया है। माथे पर त्रिपुंड धारण करने एवं अध्यात्म और सनातन को जीवन का आधार मानने वाले रिंकू सिंह राजपूत पूरी तरह से शाकाहारी हैं।
पोस्ट में भारतवासियों के मान सम्मान पे आ जाए तो त्याग सबसे पहले। का कमेंट कर उनकी ओर से डब्ल्यूडब्ल्यूई को छोड़ने की कही गई बात में कारण तो स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव में आपसी मतभेद भुलाकर, जात पात से परे हटकर अपना मत राष्ट्र के हित में करने की जोरदार अपील की है।
कौन हैं रिंकू सिंह राजपूत ‘वीर महान’?
डब्ल्यूडब्ल्यूई से संन्यास लेने वाले रिंकू सिंह राजपूत (Rinku Singh Rajput) की ओर से हासिल की गई उपलब्धियों की बात की जाए तो उन्होंने सफलता का शिखर छूने में फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है। बेहद अभाव में गुजरे बचपन के बाद भी उन्होंने अपनी मेहनत व काबिलियत को बल पर यह सफर तय किया था। हालांकि, उनकी ओर से वायरल पोस्ट से जहां समर्थकों में उनके रिंग में न दिखने को लेकर निराशा होगी तो इस बात की खुशी भी है कि भारत के सम्मान को लेकर उनका यह निर्णय पूरे देशवासियों के लिए गर्व की बात है।
सीमा सुरक्षा बल में तैनात है बड़ा भाई
उनके संन्यास लेने के बाबत जम्मू में सीमा सुरक्षा बल में तैनात उनके बड़े भाई राजीव सिंह से हुई बात में कहा कि उन्होंने क्यों संन्यास लिया, इसकी जानकारी परिवार के किसी सदस्य को अभी पता नहीं है। उनके बताने पर ही जानकारी हो पाएगी। फिलहाल वह अमेरिका में हैं।
बेहद गरीब परिवार में हुआ जन्म
रिंकू भदोही जनपद के ज्ञानपुर तहसील के होलपुर गांव के वह मूल निवासी हैं। रिंकू के पिता ब्रह्मदीन सिंह ने ट्रक चलाकर अपने चार बच्चों का पालन-पोषण किया। छोटे से घर में उनका बचपन गुजरा था।
2008 में चमका था किस्मत का सितारा
बचपन में वह भाला फेंक (जैवलिन थ्रो) और क्रिकेट खेलते थे। बाद में वह गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज लखनऊ चले गए। जहां भाला फेंक में उन्होंने जूनियर नेशनल में मेडल भी जीता। रिंकू की मेहनत रंग लाई और उनकी किस्मत का सितारा वर्ष 2008 में तब चमका जब वे जेवलिन की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विजेता चुने गए। उसी साल टेलीविजन शो द मिलियन डॉलर आर्म में भाग लेने का मौका मिला तो रिंकू ने प्रतियोगिता को जीतकर ही दम लिया।
उसके बाद तो मानो रिंकू की झोली भगवान ने छप्पर फाड़कर ही भर दी और उनका अमेरिका की नामी बेसबॉल टीम से करार हो गया। 87 मील प्रति घंटा की गति से बेसबाल फेंककर 37000 प्रतियोगियों में एक लाख डॉलर की यह प्रतियोगिता जीत ली। उन्होंने पेशेवर बेसबॉल लीग में खेलने वाले पहले भारतीय बनने का गौरव हासिल किया। 2009 में उन्होंने पीट्सबर्ग पाइरेट के लिए खेलना शुरू किया।
डब्लूडब्लूई संग किया करार
भारतीय मूल के अमेरिकी बेसबॉल खिलाड़ी रहे रिंकू की करियर में एक बड़ा कीर्तिमान तब बना, जब उन्होंने 2016 में पीट्सबर्ग पाइरेट से अलग हो गए और 2018 में दुबई में डब्ल्यूडब्ल्यूई की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने एक अन्य भारतीय सौरभ गुर्जर के साथ द इंडस शेर के नाम से टीम बनाई।
दोनों ने डब्ल्यूडब्ल्यूई एनएक्सटी में हिस्सा लिया। आगे चलकर उनकी टीम में जिंदर महाल भी जुड़े। 2021 में रिंकू टीम से अलग हो गए और स्वतंत्र रेसलर के रूप में डब्ल्यूडब्ल्यूई राॅ से जुड़ गए। अब उन्होंने अपना नाम वीर महान रख लिया। साथ ही रिंग में नामी गिरामी रेसलरों को धूल चटाई।
लोकसभा चुनाव में मतदान की जोरदार अपील
रिंकू सिंह ने आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान करने की जोरदार अपील की है। उन्होंने अपने वायरल वीडियो में कहा कि कि तेजी से बदलती दुनिया में भारत व भारतवासियों ने सामर्थ्य, समृद्धि व सुख में बड़ी उन्नति अर्जित की है। जो पूरी दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र है। लोकसभा चुनाव में बगैर किसी प्रलोभन में फंसे, बच्चों के भविष्य के दृष्टिगत आपसी मतभेद भुलाकर, जात पात से ऊपर उठकर अपना मत राष्ट्र के हित में करने की बात कही, जिससे सच्चे व अच्छे भारतीय होने का गर्व हो।
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