नियमों की धज्जियां उड़ा रहा निजी वाहन पर लिखा 'एसडीएम'
पद नाम प्रदेश सरकार का लोगो हूटर के साथ साथ लाल नीली बत्ती से सुसज्जित एक निजी वाहन इन दिनों चर्चा का विषय बना है। शनिवार को भी उक्त वाहन कालीन नगरी की सड़कों पर फर्राटा भरते देखा गया। हैरत की बात तो यह है कि वाहन पर नंबर भदोही जनपद का अंकित है। इस बीच अधिकारियों से बात की गई तो उक्त नंबर का कोई सरकारी वाहन नहीं है। वाहन के आगे के शीशे पर जहां एसडीएम लिखा है तो पीछे हिदी में उपजिलाधिकारी अंकित है। शनिवार को उक्त वाहन चौरी रोड स्टेशन रोड सहित विभिन्न मार्गों पर देखा गया। लोगों का कहना है कि उक्त वाहन अक्सर शहर में देखा जाता है।
जासं, भदोही : पदनाम, प्रदेश सरकार का लोगो और हूटर के साथ-साथ लाल-नीली बत्ती अधिकारियों के लिए स्टेटस सिबल बन चुके हैं। सरकार ने वीआइपी कल्चर को समाप्त करने लिए भले ही लाल-नीली बत्ती पर रोक लगा दिया है, लेकिन अब भी वाहनों पर पदनाम लिखकर अधिकारी बेधड़क सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। इन दिनों कालीन नगरी भदोही में एसडीएम लिखा निजी वाहन सुर्खियों में हैं। यही नहीं उस वाहन पर हूटर और लाल-नीली बत्ती भी लगी है। शनिवार को भी उक्त वाहन कालीन नगरी की सड़कों पर फर्राटा भरता रहा। नियमानुसार कोई भी अधिकारी पदनाम लिखकर नहीं चल सकता है। इसके साथ ही लाल-नीली बत्ती पर भी रोक लगा दी गई है। वाहन के नंबर प्लेट से तो तनिक भी छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है। अधिसंख्य अधिकारी नंबर प्लेट पर भी पदनाम और लोगो लगाए हुए हैं। वाहन के आगे के शीशे पर जहां एसडीएम लिखा है तो पीछे हिदी में उपजिलाधिकारी अंकित है। यह लग्जरी वाहन चौरी रोड, स्टेशन रोड सहित विभिन्न मार्गो पर देखा गया। लोगों का कहना है कि यह वाहन अक्सर शहर में देखा जाता है। निजी वाहन पर पदनाम व लोगो सहित अन्य विभागीय पहचान अंकित करना गलत है। यहां तक कि सरकारी वाहनों का उपयोग भी अपने निजी कार्य में नहीं किया जा सकता है।
-अभय कुमार पांडेय, उप जिलाधिकारी भदोही। किसी भी वाहन के नंबर प्लेट पर पदनाम अथवा लोगो नहीं लगाया जा सकता है। नीली व लाल बत्ती को भी प्रतिबंधित किया गया है। निजी वाहन पर तो किसी भी दशा में पदनाम नहीं लिखा जा सकता है। यदि ऐसा पाया जाता है तो वाहन का चालान किया जाएगा।