हमास से हो रही जंग के बीच यूपी से इजरायल जाएंगे 10 हजार राजमिस्त्री, श्रम विभाग बनाकर देगा पासपोर्ट और वीजा
इजरायल और आतंकवादी संगठन हमास के बीच चल रही जंग के बीच जिले से दस श्रमिक इजरायल काम करने के लिए जाएंगे। इजरायल से आई श्रमिकों की मांग के बीच दस राजमिस्त्रियों ने इजरायल जाने के लिए हामी भरी है। इनके नाम शासन को भेज दिए गए हैं। शासन स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद जल्दी ही इन श्रमिकों की रवानगी हो सकती है।
जागरण संवाददाता, बिजनौर। इजरायल और आतंकवादी संगठन हमास के बीच चल रही जंग के बीच जिले से दस श्रमिक इजरायल काम करने के लिए जाएंगे। इजरायल से आई श्रमिकों की मांग के बीच दस राजमिस्त्रियों ने इजरायल जाने के लिए हामी भरी है। इनके नाम शासन को भेज दिए गए हैं। शासन स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद जल्दी ही इन श्रमिकों की रवानगी हो सकती है।
इजरायल और हमास के बीच सात अक्टूबर युद्ध चल रहा है। इजरायल में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य होता है और इसमें गाजा पट्टी से आकर लोग निर्माण कार्याें में मजदूरी करते हैं। युद्ध में गाजा पट्टी से लोग जगह-जगह विस्थापित हो रहे हैं और इजरायल ने उनके अपने देश में आने पर भी रोक लगा दी है।
ऐसे में वहां निर्माण कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। निर्माण कार्यों को सुचारू और समय से पूरा करने के लिए इजरायल को बड़े पैमाने पर निर्माण श्रमिकों की जरूरत है। इजरायल ने भारत सरकार के सामने एक लाख निर्माण श्रमिक भेजने का प्रस्ताव रखा था। इसमें से दस हजार निर्माण श्रमिक उत्तर प्रदेश से भेजने की तैयारी की जा रही है।
जिले से भी दस श्रमिकों को इजरायल भेजने की तैयारी की जा रही है और इसके लिए इन्होंने हामी भी भर दी है। श्रम विभाग ने इन श्रमिकों के नाम शासन को भेज दिए हैं। हरी झंडी मिलने के बाद इनके पासपोर्ट, वीजा आदि की कार्रवाई की जाएगी। ये श्रमिक राजमिस्त्री, टाइल्स व पत्थर लगाने, आयरन वैल्डिंग आदि के कार्य में पारंगत हैं।
इजरायल जाने के लिए निर्माण श्रमिकों का तीन साल से श्रम विभाग में पंजीकरण और आयु 21 से 45 के बीच होना अनिवार्य है। श्रमिकों के इजरायल जाने पर आमदनी और बढ़ेगी। हो सकता है इन श्रमिकों को इजरायल जाता देखकर कुछ और श्रमिक भी वहां जाने के लिए तैयार हो जाएं।
दस श्रमिकों ने निर्माण कार्य में इजरायल जाने के लिए सहमति जताई है। इनसे जुड़ी जानकारी शासन को भेज दी गई है। शासन स्तर से हरी झंडी मिलने के बाद कुछ और श्रमिकों से भी वार्ता की जाएगी।
-एके गुप्ता, सहायक श्रमायुक्त।
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