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Sawan Ka Somwar: श्रीहरिहर मंदिर पर जल चढ़ाने जाने से करणी सेना काे रोका, कार्यकर्ताओं ने दिया ज्ञापन

Bijnor News In Hindi करणी सेना के कार्यकर्ता हरिहर मंदिर पर जल चढ़ाने के लिए जा रहे थे। लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक लिया गया। इस मंदिर में जल चढ़ाने की अनुमति नहीं है। ये मंदिर विष्णु भगवान का बताया जाता है। जिसे पृथ्वीराज चौहान ने बनवाया था। बाद में मुगलों ने यहां कब्जा कर लिया था। इसका संरक्षण एएसआइ कर रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Mon, 28 Aug 2023 03:52 PM (IST)
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हरिहर मंदिर पर जल चढ़ाने जाने से रोका, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

धामपुर-बिजनौर, जागरण टीम। संभल में श्री हरिहर मंदिर पर जल चढ़ाने जा रहे करणी सेना के पदाधिकारियों को पुलिस-प्रशासन ने हरिद्वार-काशीपुर नेशनल हाईवे पर रोक दिया। जिसके बाद पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने एसडीएम को ज्ञापन देकर उनकी बात शासन स्तर तक पहुंचाने की मांग की।

जल चढ़ाने की अनुमति नहीं

उत्तर प्रदेश के संभल में श्री हरिहर मंदिर स्थित है, जहां जल चढ़ाने की अनुमति नहीं है। सोमवार सुबह करणी सेना के जिलाध्यक्ष डा. रितिक चौहान के नेतृत्व में पदाधिकारी व कार्यकर्ता जल चढ़ाने के लिए संभल जा रहे थे। इसकी सूचना पर एसडीएम मोहित कुमार नेशनल हाईवे पर पहुंचे। जहां उन्होंने पदाधिकारियों को रोककर उनसे वार्ता की। पदाधिकारियों का कहना है कि करणी सेना को श्री हरिहर मंदिर पर जल चढ़ाने की अनुमति प्रदान की जाए, यह स्थान हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है। लेकिन इस स्थान पर जल चढ़ाने से रोका जाता है। ऐसे में शासन द्वारा इसकी अनुमति दी जाए, जिससे अगली शिवरात्रि काे वहां जल चढ़ाया जा सके।

करणी सेना ने दिया ज्ञापन

इस संबंध में पदाधिकारियों ने एसडीएम काे ज्ञापन दिया। जिसमें करणी सेना के जिलाध्यक्ष व जिला महामंत्री ने सरकार से अनुरोध किया उन्हें मंदिर पर जल चढ़ाने की अनुमति दी जाए। एसडीएम ने उनकी मांग सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया, जिसके बाद करणी सेना के पदाधिकारी वापस चले गए। इस दौरान जिलाध्यक्ष डा. रितिक कुमार, रंजीव कुमार, योगराज सिंह, अनुभव राणा, विपिन कुमार, नितिन राजपूत आदि शामिल रहे। क्यों

रोका जाता है जल चढ़ाने से 

संभल में हरिहर मंदिर काे भगवान विष्णु का मंदिर माना जाता है। लेकिन अब यहां एक मस्जिद बनी हुई है। पिछले कई वर्षों से हिंदू संगठन यहां जल चढ़ाने व पूजा अर्चना की अनुमति देने की मांग करते आ रहे हैं। मान्यताओं के अनुसार इस जगह पर भगवान विष्णु का भव्य मंदिर था, जिसे सम्राट पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनवाया गया था। लेकिन बाद में मुगलों का कब्जा हो गया था, जिसे मस्जिद का रूप दे दिया गया। इसी कारण हिंदुओं को यहां पूजा करने और जल चढ़ाने से रोका जाता है। अंग्रेजी शासनकाल में इस मंदिर को पुरातत्व विभाग ने संरक्षित किया गया था।  

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