डिंपल ने पाई बिजनौर के रामदयाल जैसी तकदीर
By Edited By: Updated: Sat, 09 Jun 2012 10:44 PM (IST)
बिजनौर। प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की तकदीर कन्नौज से निर्विरोध सांसद चुने जाने के मामले में बिजनौर के रामदयाल जैसी है। लोकसभा उप चुनाव में दो उम्मीदवारों की नाम वापसी के बाद डिंपल यादव निर्विरोध सांसद चुनी गई। इसी तरह बिजनौर में भी 1974 में हुए लोकसभा उप चुनाव में दो उम्मीदवारों के नाम वापस लेने पर राम दयाल संसद पहुंचे थे।
अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने के कारण कन्नौज लोकसभा सीट छोड़ने पर यहां उपचुनाव हुआ। इसमें उनकी पत्नी डिंपल यादव चुनाव मैदान में खड़ी हुई। डिंपल के मुकाबले खड़े निर्दलीय उम्मीदवार संजू कटियार व संयुक्त समाजवादी दल के दशरथ शंखवार ने अपने-अपने नामांकन-पत्र वापस ले लिए। इससे सपा प्रत्याशी डिंपल यादव निर्विरोध सांसद चुनी गई। डिंपल की ही तरह बिजनौर के रामदयाल भी निर्विरोध सांसद चुने गए थे। बिजनौर संसदीय सीट पर 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस (जे) के स्वामी रामानंद शास्त्री ने बीकेडी के माहीलाल को 1,03,825 मतों से पराजित किया। सांसद स्वामी रामानंद शास्त्री की मौत के बाद रिक्त हुई सीट पर 1974 में उपचुनाव हुआ। उस वक्त कांग्रेस में गुटबाजी के चलते कई दावेदार सामने थे। इसके चलते तत्कालीन जिलाध्यक्ष क्रांति कुमार ने जिला कांग्रेस कार्यालय में लिपिक गांव शहाबपुर रतन निवासी रामदयाल का नाम प्रस्तावित कर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पास भेज दिया। इंदिरा गांधी ने रामदयाल के चुनाव लड़ने पर मोहर लगा दी। रामदयाल के मुकाबले जनसंघ से मंगू सिंह और बीकेडी से चौधरी हरफूल सिंह ने पर्चा दाखिल किया था। बाद में दोनों ने अपना नाम वापस ले लिया। इससे रामदयाल निर्विरोध सांसद निर्वाचित हुए। उत्तर प्रदेश से निर्विरोध सांसद चुने जाने का गौरव डिंपल यादव व रामदयाल से पहले मानवेंद्र शाह को 1962 में टिहरी सीट से प्राप्त हो चुका है।मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।