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Amangarh Tiger Reserve: अमानगढ़ में दो बाघिनों संग दिखे पांच शावक, रॉयल बंगाल टाइगर का है जंगल में राज

Amangarh Tiger Reserve Update News अमानगढ़ जंगल सफारी करने वालों के लिए एक बेहद रोमांचक जगह है। बिजनौर के इस सफारी में अब बाघाें का कुनबा बढ़ने लगा है। यहां रॉयल बंगाल टाइगर का दबदबा है तो हाथियों की चिंघाड़ भी खूब सुनने को मिलती है। बाघाें के शावक यहां बड़े होने लगे हैं। हालांकि बाघों के कारण गुलदार (तेंदुआ) कम दिखने लगे हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 17 Sep 2024 11:06 AM (IST)
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Amangarh Tiger Reserve: अमानगढ़ में दो बाघिनों के साथ दिख रहे पांच शावक

जागरण संवाददाता, बिजनौर। Amangarh Tiger Reserve: अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा खूब फल फूल रहा है। अमानगढ़ में दो स्थानों पर पांच शावकों के साथ दो बाघिन दिख रही हैं जबकि पिछले साल चार शावकों के ही अमानगढ़ में होने की पुष्टि हुई थी। वे शावक भी अब तक बड़े हो गए हैं। अमानगढ़ में बाघों की लगतार बढ़ती संख्या के कारण ही यहां गुलदार बाहर गन्ने के खेतों में जाने को मजबूर हुए हैं।

अमानगढ़ टाइगर रिजर्व बाघों की दहाड़ और हाथियों की चिंघाड़ के लिए जाना जाता है। अमानगढ़ के हर कोने में बाघ की मौजूदगी दर्ज है। रॉयल बंगाल टाइगर का पूरे अमानगढ़ पर राज है। इसके अलावा अमानढ़ में हाथी, भालू, हिरन आदी की भी कोई कमी नहीं है।

गुलदार छोड़ते जा रहे अमानगढ़

हालांकि गुलदार अमानगढ़ को लगातार छोड़ते जा रहे हैं और इसका कारण भी है। 2012 तक अमानगढ़ में केवल 14 बाघ थे जिनका कुनबा पिछले साल तक बढ़कर 32 हो गया था। पिछले साल की गई गणना में अमानगढ़ में 32 बाघ दिखे थे। इनमें से 28 व्यस्क तथा चार शावक थे। इस साल भी अमानगढ़ में बाघों की गणना की गई है। हालांकि अभी बाघों की गणना से जुड़े आंकड़े नहीं आए हैं लेकिन यहां बाघों की संख्या बढ़ना तय ही माना जा रहा है। इसका एक कारण यह है कि वनकर्मियों को अमानगढ़ में पांच शावक दिख रहे हैं।

शावकों के साथ दिखी एक बाघिन

एक बीट में एक बाघिन तीन शावकों के साथ और दूसरी बीट में दो शावकों के साथ दिख रही है। इनके पिछले साल के शावक होने की उम्मीद नहीं है क्योंकि पिछले साल के शावक इस वर्ष लगभग अल्प व्यस्क हो गए होंगे।

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होगी सोलर फेंसिंग

अमानगढ़ में बाघों के लिए जगह काफी कम है। इसका क्षेत्रफल 95 वर्ग किलोमीटर है जबकि एक बाघ का इलाका दस वर्ग किलोमीटर तक का होता है। ऐसे में जगह कम होने पर बाघ भी वन से बाहर आएंगे ही। इस स्थिति को देखते हुए अमानगढ़ के बाहर की ओर साेलर फेंसिंग कराने की तैयारी की जा रही है।

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अमानगढ़ में दो बीट में दो बाघिन के साथ तीन शावक दिख रहे हैं। कर्मचारियों के अनुसार शावक पूरी तरह स्वस्थ हैं। उनके इलाके की निगरानी की जा रही है। खुशबू उपाध्याय, रेंजर - अमानगढ़ टाइगर रिजर्व