Amangarh Tiger Reserve: गुलदार भाग गया और अमानगढ़ में आ गई एशिया की सबसे छोटी बिल्ली, बाघ की दहाड़ के बीच कर रही चहलकदमी, ये है खासियत
Bijnor News In Hindi सबसे हैरान करने वाली तस्वीर रस्टी स्पाटेड बिल्ली की मिली है। यह बिल्ली की एशिया की सबसे छोटी प्रजाति मानी जाती है। बाघ अपने आप में बिल्ली की प्रजाति के सबसे बड़े जीव होते हैं। ऐसे में अमानगढ़ के अंदर सबसे छोटी और सबसे बड़ी दोनों प्रजाति मौजूद हैं। पिछले साल अगस्त में खेतों में नरभक्षी गुलदार की तलाश के दौरान धामपुर क्षेत्र में भी रस्टी स्पाटेड बिल्ली दिखी थी।
जागरण संवाददाता, बिजनौर। अमानगढ़ में बाघ की दहाड़ से भले ही गुलदार यहां से भाग रहे हों, लेकिन यहां एशिया की सबसे छोटी बिल्ली ने अपना बसेरा बसा लिया है। अमानगढ़ में एशिया की सबसे छोटी बिल्ली रस्टी स्पाटेड पहली बार दिखी है।
कुछ महीने पहले धामपुर क्षेत्र के एक खेत में यह बिल्ली पहली बार दिखी थी। अमानगढ़ में एशिया की सबसे छोटी बिल्ली भी दिखना यहां की जैव विविधता को दर्शाता है।इसके अलावा यहां पहली बार एशिएटिक भालू भी पहली बार दिखा है।
हर साल होती है बाघाें की गिनती
अमानगढ़ वर रेंज में हर साल बाघों की गणना होती है। बाघों की गणना के लिए ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं। बीते साल 80 ट्रैप कैमरे लगाकर बाघों के फोटो लिए गए थे। अमानगढ़ में 28 बाघ और चार शावक दिखे हैं। बाघों के अलावा सांभर, नीलगाय, गोल्डन गीदड़, काले मुंह वाले लंगूर (हनुमान लंगूर) आदि के फोटो भी ट्रैप कैमरे में मिले हैं।
वन्यजीव विशेषज्ञ कार्तिक द्विवेदी ने इसका फोटो खींचा था। इस बिल्ली का वैज्ञानिक नाम प्रियानैलुरस रूबिगिनोसस है।
नेपाल में देखी थी रस्टी स्पाटेड बिल्ली
रस्टी स्पाटेड बिल्ली पहली बार साल 2012 में नेपाल में दिखी थी। इसे आइयूसीएन रेड लिस्ट में खतरे वाली प्रजाति में सूत्रिबद्ध किया गया है। इसका फर लाल व भूरे रंग का होता है और इस पर ऐसे धब्बे होते हैं जैसे लोहे पर जंग लगने के। इसकी लंबाई 14 से 19 इंच और वजन 900 ग्राम से 1.6 किलोग्राम तक होता है। यह इंसान की हथेली पर भी आराम से बैठ सकती है।
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बहुत कम जानकारी है उपलब्ध
वन में रस्टी स्पाटेड बिल्ली के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। यह रात में सक्रिय रहती है और चूहे, मेंढ़क व कीड़ों का शिकार करती है। यह नम और शुष्क पर्णपाती वनों के साथ साथ झाड़ियों और घास के मैदान में रहती हैं। उत्तर प्रदेश में बिजनौर से पहले ये बिल्ली मिर्जापुर में देखी गई थी।
अमानगढ़ में एशिएटिक भालू भी पहली बार दिखा है। इससे पहले अमानगढ़ में स्लाथ भालू दिखता था। यहां गोल्डन जैकल (सुनहरा गीदड़) भी पहली बार दिखे हैं। इससे पहले ये कभी ट्रैप कैमरे में कैद नहीं हुए थे। इसका मतलब है कि अमानगढ़ में भालू की दो प्रजाति हो गई हैं।
अमानगढ़ में बिल्ली, भालू और गीदड़ की नई प्रजाति पहली बार देखने को मिली हैं। यहां किंग कोबरा भी स्पाट किया गया है। अमानगढ़ की जैव विविधता लगातार समृद्ध होती जा रही है। अरुण कुमार सिंह, डीएफओ