Bijnaur News : पहले बेटे, फिर मां और आखिरी में पिता को उतारा मौत के घाट, एक मृतक के सीने में मिला पेचकस
तीसरा बेटा मतलूब जेल में बंद है। मृतक याकूब और मंसूर का सबसे छोटा बेटा तस्लीम साथ रहता था। शनिवार को चांद और जहूर रुड़की गए हुए थे। तस्लीम अपनी बहन के पास नजीबाबाद गया था। घर में दंपती और उनका बेटा याकूब था। हत्यारों को पता था कि शनिवार रात तीनों ही घर में हैं। आखिरी बार उन्हें शनिवार रात आठ बजे देखा गया था।
जागरण संवाददाता, बिजनौर: शहर की मिर्दगान खस्सो में हुई दंपती और उसके पुत्र की हत्या के मामले में पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। क्राइमसीन से अंदेशा है कि हत्यारों ने पहले बेटे और फिर दंपती की हत्या की है। हत्या शनिवार देर रात होने की संभावना है। चूंकि हांडी में बिरयानी बनी हुई रखी थी। संभावना है कि हत्या मध्य रात्रि किसी समय की गई। मंसूर के सीने में पेचकस मिला है। हत्यारों ने सबसे पहले याकूब को मारा और फिर दंपती पर हमला कर दिया। हत्यारे जल्दबाजी में मंसूर के सीने में पेचकस गड़ा हुआ छोड़ गए।
मंसूर के घर के बराबर में कोई मकान नहीं है। उसके ठीक सामने शमशाद का मकान है। मंसूर के पांच बेटे और एक बेटी है। बेटी की शादी कर दी है। बड़ा बेटा चांद का निकाह हो चुका है। वह पत्नी के साथ दूसरी जगह रहता है। जहूर कभी उनके पास आता तो कभी बाहर चला जाता है।तीसरा बेटा मतलूब जेल में बंद है। मृतक याकूब और मंसूर का सबसे छोटा बेटा तस्लीम साथ रहता था। शनिवार को चांद और जहूर रुड़की गए हुए थे। तस्लीम अपनी बहन के पास नजीबाबाद गया था। घर में दंपती और उनका बेटा याकूब था। हत्यारों को पता था कि शनिवार रात तीनों ही घर में हैं। आखिरी बार उन्हें शनिवार रात आठ बजे देखा गया था। इसके बाद सुबह तीनों के शव मिले।
उलझाने के लिए दीवार फांदकर गए हत्यारे
पुलिस मान रही है कि हत्यारे जानकार ही थे और मेन गेट से अंदर आए हैं। पुलिस और क्राइमसीन को उलझाने के लिए दीवार फांदकर गए हैं। उन्होंने दरवाजा नहीं खोला है। हत्या के बाद हत्यारा आसानी से अंदर से कुंडी खोलकर जा सकता था। दस फिट ऊंची दीवार फांदकर ही गया। यह बात पुलिस को भी उलझा रही है कि हत्यारोपित दीवार फांदकर आया तो वह दरवाजे से क्यों नहीं गया? अंदेशा है कि वह दरवाजे से आया है, लेकिन गुमराह करने के लिए दीवार फांदकर गया।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।