Bijnaur News : पहले सिर और फिर हाथ की उंगलियां खाईं, बिजनौर में आदमखोर हुआ गुलदार- भाई का शव देखकर निकल गई किसान की चीख
बिजनौर में गुलदार का आतंक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब गुलदार ने 24वां शिकार किया है। इस बार भी गुलदार ने खेत पर गए व्यक्ति पर हमला बोलकर उसकी जान ले ली। स्वजन व गांव वालों ने शव बिजनौर-मुरादाबाद राज्य हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया। गांव वालों का कहना था कि खेतों में गुलदार लगातान किसानों की जान ले रहा है।
संवाद सूत्र, हल्दौर, (बिजनौर) गुलदार ने खेत पर गए एक किसान को मार डाला। गुलदार ने किसान का सिर के मांस के साथ ही एक हाथ की तीन उंगलियां भी खाईं। सुबह जब मृतक किसान का तहेराई भाई ट्यूबवैल पर गया तो उसका शव दिखाई दिया।
किसान की मौत से स्वजन में कोहराम मच गया। आक्रोशित स्वजन व गांव वालों ने गुलदार से निजात दिलाने और उचित मुआवजे की मांग को लेकर शव बिजनौर मुरादाबाद हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया।
सुबह 5 बजे खेत पर गया था व्यक्ति
हल्दौर थाने के गांव जलालपुर भूड़ निवासी कुलदीप का 40 वर्षीय पुत्र पिंकी गुरुवार शाम लगभग पांच बजे खेत पर गया था लेकिन वापस नहीं लौटा। स्वजन ने खेतों के साथ ही संभावित ठिकानों पर भी तलाश की लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। शुक्रवार को पिंकी का तहेरा भाई संजीव कुमार ट्यूबवैल चलाने गया था। वहां उसने खेत के अंदर पिंकी का शव पड़ा देखा।हाथ की उंगलियां तक खा गया गुलदार
गुलदार ने उसे मारकर शव खाया था। उसके सिर से खाल और मांस लगभग गायब ही था। गुलदार ने उसके बाएं हाथ की तीन उंगलियां भी खाईं थीं। वहां गुलदार के पंजों के निशान भी थे। पिंकी की मौत का पता चलने पर स्वजन में कोहराम मच गया।
स्वजन व गांव वालों ने शव बिजनौर-मुरादाबाद राज्य हाईवे पर रखकर जाम लगा दिया। गांव वालों का कहना था कि खेतों में गुलदार लगातान किसानों की जान ले रहा है लेकिन वन विभाग गुलदारों से निजात दिलाने के लिए कोई प्रयास नहीं कर रहा है। समाचार लिखे जाने तक जाम लगा हुआ था। सीओ सिटी संग्राम सिंह गांव वालों को समझाकर जाम खुलवाने का प्रयास कर रहे हैं।
पिछले सप्ताह ही मारा था एक महिला को
गुलदार ने पिछले शनिवार को ही गांव पिलाना में गुलदार ने एक महिला संतोष देवी को खेत में मार डाला था। वह गांव गांव जलालपुर भूड़ से लगभग तीन किलोमीटर दूर है। वहां पर गुलदार पकड़ने के लिए कई पिंजरे लगे हैं। हालांकि महिला को मारने वाले गुलदार के ही किसान पिंकी को माने की संभावना कम हैं।
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