अयाेध्या की तर्ज पर देवानंदपुर गढ़ी बनेगा बिजनौर का पहला टूरिज्म विलेज, अमानगढ़ के पास विकसित होंगी सुविधाएं
UP News बिजनौर के अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के पास बसा देवानंदपुर गढ़ी गांव अयोध्या के घरों की तर्ज पर जिले का पहला टूरिज्म विलेज बनेगा। यहां पर्यटकों के रहने खाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए गांव में सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा अमानगढ़ के पास बच्चों के लिए एडवेंचर पार्क बनेगा और मुख्य मार्ग को भी फोरलेन किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, बिजनौर। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के पास बसा देवानंदपुर गढ़ी गांव अयोध्या के घरों की तर्ज पर जिले का पहला टूरिज्म विलेज बनेगा। यहां पर्यटकों के रहने, खाने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए गांव में सुविधाएं विकसित की जाएंगी। इसके अलावा अमानगढ़ के पास बच्चों के लिए एडवेंचर पार्क बनेगा और मुख्य मार्ग को भी फोरलेन किया जाएगा।
अमानगढ़ में प्रकृति की सुंदरता का नजारा देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ आ रही है। लेकिन अमानगढ़ के आसपास कोई होटल आदि न होने से पर्यटकों को असुविधा भी होती है। अमानगढ़ के 50 किलोमीटर के दायरे में कोई होटल नहीं है। यहां आने वाले लोगों को कई बार परेशानी उठानी पड़ती है। सरकार द्वारा अब घरों में ही पर्यटकों को ठहराने, खाने-पीने आदि की व्यवस्था करने की अनुमति दी जा रही है।
अयोध्या में भी लोगों को घरों में श्रद्धालुओं को रोकने और उनसे सेवा प्रदान करने के बदले पैसे लेने की अनुमति दी गई है। अयोध्या की ही तर्ज पर गांव देवानंदपुर गढ़ी में भी गांव वालों के घरों में पर्यटकों को रोकने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक सुधीर कुमार शर्मा ने वन विभाग के अफसरों को गांव में मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजने को कहा है।
ऐसा है गांव
गांव देवानंदपुर गढ़ी अमानगढ़ से केवल 300 मीटर और हाईवे से एक किलोमीटर दूर है। गांव आर्थिक रूप से संपन्न लोगों का है। यहां लगभग 50 परिवार रहते हैं। गांव में गुरुद्वारा भी बना है। घर खेतों में बने हैं। एक तरह से सभी किसानों के फार्म हाउस बने हैं।
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अमानगढ़ के पास ही बादीगढ़ से केहरीपुर तक लगभग नौ किलोमीटर लंबे मार्ग को फोरलेन किया जाएगा। केहरीपुर परिसर में भी बच्चों के लिए एडवेंचर पार्क बनाया जाएगा। यहां हाथी, बाघ, भालू आदि की मूर्ति आदि लगेंगी और झूले भी।गांवों में पर्यटकों की रूकने की व्यवस्था विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यटक गांवों में एक दो दिन रूकेंगे तो वे ज्यादा से ज्यादा जगह घूम सकेंगे। गांव वाले भी उनके गांवों को इको टूरिज्म से जोड़ने की मांग कर रहे हैं।- अरुण कुमार सिंह, डीएफओ