UP News: बिजनौरवासियों के लिए खुशखबरी, अब होंगे धड़ाधड़ विकास कार्य; विधायकों को मिली विधायक निधि
UP News उत्तर प्रदेश सरकार ने विधायकों को विकास कार्यों के लिए विधायक निधि जारी कर दी है। विधायकों को पहली किस्त में ढाई-ढाई करोड़ रुपये भेजे गए हैं। विधायकों ने विकास कार्यों से जुड़े प्रस्ताव भी भेजने शुरू कर दिए हैं। विधायक निधि से सड़क नाली स्कूलों में भवन आदि निर्माण कराए जा सकते हैं। अभी सांसदों के प्रस्ताव नहीं आए हैं।
जागरण संवाददाता, बिजनौर। विकास कार्याें के लिए विधायकों को विधायक निधि उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी कर दी है। विधायकों को पहली किस्त में ढाई-ढाई करोड़ रुपये भेजे गए हैं। दूसरी किस्त बाद में मिलेगी। विधायकों ने विकास कार्याें से जुड़े प्रस्ताव भी भेजने शुरू कर दिए हैं।
चुनाव जीतने में जातीय समीकरण काम आए या छवि लेकिन चुनाव जीतने के बाद विकास ही माननीयों का एजेंडा होता है और होना भी चाहिए। विकास कार्याें के लिए विधायकों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निधि जारी की जाती है। पहले विधायकों को तीन करोड़ रुपये की निधि जारी होती थी जो कोरोना के बाद बढ़ाकर पांच करोड़ रुपये कर दी गई है। विधायकों को यह निधि विकास कार्याें के लिए दी जाती है। वे इससे सड़क, नाली, स्कूलों में भवन आदि निर्माण करा सकते हैं। आमतौर पर विधायक अपनी निधि से निर्माण कार्याें को ही प्राथमिकता देते हैं क्योंकि यह ऐसा काम होता है जो जनता को दिखता है। जिले में सपा और भाजपा के चार चार विधायक हैं। इसके अलावा एक विधान परिषद सदस्य भी हैं। सभी को विधायक निधि के रूप में ढाई ढाई करोड़ रुपये मिल गए हैं।
जिले में विधायक, दल व मिली राशि
विधायक, दल- सुचि मौसम चौधरी, भाजपा
- ओमकुमार, भाजपा
- अशोक राणा, भाजपा
- सुशांत सिंह, भाजपा
- स्वामी ओवमेश, सपा
- मनोज पारस, सपा
- तसलीम अहमद, सपा
- राम अवतार सिंह, सपा
- विधान परिषद सदस्य
- अशोक कटारिया, भाजपा
सांसदों के नहीं आए प्रस्ताव
पहले सांसद निधि भी जिले को ही प्राप्त होती थी। अब वह दिल्ली में ही एक विभाग में रहती है। हालांकि उसके प्रस्ताव जिले में ही आते हैं। जिले में दो सांसद हैं। अभी दोनों में से किसी सांसद ने विकास कार्याें से जुड़े प्रस्ताव नहीं भेजे हैं।
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विधायक निधि की पहली किस्त आ गई है। विधायकों के विकास कार्याें के प्रस्ताव भी मिल रहे हैं। विधायकों की मंशा के अनुसार ही प्राथमिकता वाले कार्याें को पहले कराया जाएगा। ज्ञानेश्वर तिवारी, परियोजना निदेशक- डीआरडीए