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खेतों में धूप से बिजली पैदा कर किसान होंगे मालामाल; प्रधानमंत्री कुसुम सी योजना से जुड़ेंगे बिजनौर के अन्नदाता

एसी कूलर हीटर की बिक्री जैसे−जैसे बढ़ रही है वैसे−वैसे बिजली की खपत भी बढ़ रही है। बिजली की खपत बढ़ने से विद्युत आपूर्ति केंद्र तक ओवरलोड हो रहे हैं। इसका खामियाजा जनता को बिजली कटौती फाल्ट और ट्रिपिंग के रूप में भुगतना पड़ता है। प्रधानमंत्री कुसुम सी योजना के तहत किसान सोलर प्लांट के लिए आवेदन कर रहे हैं। अब तक तीन आवेदन आए हैं।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Thu, 29 Aug 2024 09:48 AM (IST)
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खबर में सांकेतिक तस्वीर का उपयोग किया गया है।

जागरण संवाददाता, बिजनौर। खेतों में भी जल्दी ही निगम के लिए किसान बिजली बनाते नजर आएंगे। तीन किसानों ने सोलर प्लांट के लिए आवेदन कर दिया है। साढ़े तीन मेगावाट के सोलर बिजलीघर जिले में लग सकते हैं। किसान खेतों में बिजली पैदा करके यूपीपीसीएल को बेचेंगे और पैसा कमाएंगे। इससे ग्रिड पर लोड कम होगा।

बिजली की जरूरत को कम नहीं किया जा सकता, लेकिन ग्रिड के बजाए सोलर बिजली को अपनाकर ग्रिड की खपत को कम किया जा सकता है। नलकूपों के संचालन के लिए तो पहले ही केंद्र और राज्य सरकार द्वारा सब्सिडी दी जा रही है और सोलर पंप स्थापित कराए जा रहे हैं। वर्तमान में सूर्या योजना से घरों में भी सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री कुसुम सी योजना के अंतर्गत 41 कृषि फीडरों को सोलर बिजलीघर से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया था। इस योजना में तीन किसानों ने अपने खेतों में बिजलीघर बनवाने के लिए आवेदन कर दिया है जबकि कुछ और किसान भी नेडा विभाग के संपर्क में हैं। स्याऊ, फुलसंदा व कंभौर में सोलर बिजलीघर बनाने के लिए आवेदन आ चुके हैं। स्याऊ में डेढ़ व बाकी दोनों गांवों में एक एक मेगावाट का सोलर बिजलीघर बन सकता है।

ये गांव हुए चिन्हित

ब्लॉक हल्दौर में कंभौर, झालू, नांगलजट, सिकंदरी, हल्दौर, कादरपुर, उलेढ़ा, ब्लॉक देवमल में फजलपुर, गजरौलाशिव, उमरपुर मीरा, मंडावर, स्वाहेड़ी, जलीलपुर में ककराला, मुस्तफाबाद, पीपलसाना, मसीत, स्याऊ, अलाउद्दीनपुर, नूरपुर में नूरपुर, पैजनियां, फीना, रेहटा बिल्लौच, कोतवाली में कल्याणपुर, अकबराबाद, फुलसंदा, नहटौर में बसावनपुर, कड़ीपुरा, अफजलगढ़ में अफजलगढ़, भिक्कावाला, मानियावाला, वीरभानवाला, स्योहारा में पालनपुर, ताजपुर, ठाटजट, उमरपुर खादर, नजीबाबाद में भागूवाला, बड़िया, चंदक, सौफतपुर, तैमूरपुर, तिसोतरा का चयन किया गया है।

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साढ़े तीन हजार घरों को हो सकती है आपूर्ति

एक मेगावाट सोलर प्लांट से एक दिन में चार हजार यूनिट तक बिजली बन सकती है। अगर चार−चार किलोवाट घर वाले उपभोक्ताओं को आपूर्ति करनी हो तो साढ़े तीन मेगावाट सोलर प्लांट से साढ़े तीन हजार घरों को दिन में बिजली दी जा सकती है। एक मेगावाट सोलर प्लांट लगाने में लगभग चार एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है। किसान चाहें तो सोलर प्लांट लगाने के लिए किसी कंपनी को भी भूमि लीज पर दे सकते हैं। एक सोलर प्लांट 25 साल तक काम करेगा।

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यह है लागत और आमदनी

अगर प्रस्ताव एक मेगावाट का है तो

  • परियोजना लागत, 4.50 करोड़
  • केंद्र सरकार की सब्सिडी, 1.05 करोड़
  • राज्य सरकार की सब्सिडी, 50 लाख
  • किसान की लागत, 2.95 करोड़
  • रख रखाव की प्रति वर्ष लागत, 03 लाख
  • यूपीपीसीएल द्वारा बिजली क्रय दर, 3.10 प्रति यूनिट

तीन किसानों ने साेलर प्लांट लगवाने के लिए आवेदन किए हैं। कुछ और किसान भी संपर्क में हैं। सोलर प्लांट से किसानों को लाभ होगा। पूर्ण बोरा, सीडीओ 

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