UP News: गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी; बैंकों से डेढ़ हजार करोड़ का लोन लेकर भुगतान करेंगी चीनी मिल
Bijnor News In Hindi बैंकों से सीसीएल बनवा रहीं मिल किसानों को होगा फायदा। इस साल भी गन्ना रकबा 2.63 लाख हेक्टेयर जमीन में है। गन्ना पेराई सत्र शुरू हो चुका है और चीनी मिलों में किसान लगातार गन्ना लेकर जा रहे हैं। नियम के अनुसार किसानों को गन्ना भुगतान 14 दिन के अंदर मिल जाना चाहिए। चीनी मिल भी बड़े व्यापारियों को चीनी बेचती हैं।
जागरण संवाददाता, बिजनौर। चालू गन्ना पेराई सत्र में किसानों को गन्ना भुगतान दिलाने के लिए चीनी मिलों ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। चीनी मिलों ने बैंकों से डेढ़ हजार करोड़ से अधिक की सीसीएल (कैश क्रेडिट लिमिट) यानी लोन मांगा है।
इस पैसे से किसानों का भुगतान किया जाएगा और चीनी बेचकर मिलें बैंकों का लोन चुकाएंगी। वेस्ट यूपी में गन्ना किसानों की आमदनी का प्रमुख आधार है। जिले के किसान भी कुल रकबे के 80 प्रतिशत से अधिक भूमि में गन्ने की फसल बोते हैं।
कई बार माल समय से न जा पाने या फिर चीनी का भुगतान समय से न मिल पाने की वजह से किसानों का भुगतान भी अटक जाता है। इसके अलावा शासन द्वारा चीनी मिलों का चीनी बेचने का कोटा भी निर्धारित होता है। मिल प्रशासन निर्धारित कोटे से अधिक चीनी नहीं बेच सकती हैं। ऐसे में चीनी मिल प्रशासन बैंकों से सीसीएल बनवाते हैं यानि चीनी को गिरवी रखकर बैंकों से लोन लेती हैं।
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इस राशि से किसानों का भुगतान किया जाता है। बाद में मिलें चीनी बेचकर बैंकों का लोन जमा करती रहती हैं। इससे किसानों को समय से भुगतान भी मिल जाता है और चीनी मिल प्रशासन को भी किसी तरह की परेशानी नहीं उठानी होती। चीनी मिलों ने चालू पेराई सत्र के लिए भी बैंकों से डेढ़ हजार करोड़ रुपये से अधिक की सीसीएल मांगी है। अधिकतर चीनी मिल की सीसीएल मंजूर भी हो गई है।
चीनी मिल, सीसीएल
- बिजनौर, 85
- चांदपुर, 85
- अफजलगढ़, 123
- धामपुर, 376
- बुंदकी, 133
- बरकातपुर, 245
- चांगीपुर, 230
- नजीबाबाद, 200
- स्योहारा, 110
नोट:सीसीएल की राशि करोड़ रुपये में है। यह चीनी मिलों द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित है।
चीनी मिलों ने किसानों को गन्ना भुगतान शुरू कर दिया है। किसानों को भुगतान समय से दिलाने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। किसानों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी। - पीएन सिंह, जिला गन्ना अधिकारी