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कुदरत के संरक्षण की 'इंजीनियरिग' कर रहे हेमंत

बिजनौरजेएनएन। उजड़ते पेड़ और बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति को गहरा आघात पहुंच रहा है। इसके लिए बहुत हद तक इंसान ही जिम्मेदार है। यदि लोग पेड़-पौधों को अपने जीवन का हिस्सा बना लें तो प्रदूषण का स्तर भी घटेगा और धरा पर हर तरफ हरियाली भी नजर आएगी। इसी विचारधारा ने इंजीनियर हेमंत को प्रकृति का प्रेमी बना दिया है। वह लोगों को पौधे दान करते हैं और इनकी हिफाजत करने को प्रेरित भी करते हैं। उनकी इस मुहिम में कई जिलों के सवा सौ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 10 Aug 2019 06:23 AM (IST)
 कुदरत के संरक्षण की 'इंजीनियरिग' कर रहे हेमंत
कुदरत के संरक्षण की 'इंजीनियरिग' कर रहे हेमंत

कुदरत के संरक्षण की 'इंजीनियरिग' कर रहे हेमंत

बिजनौर,जेएनएन। उजड़ते पेड़ और बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति को गहरा आघात पहुंच रहा है। इसके लिए बहुत हद तक इंसान ही जिम्मेदार है। यदि लोग पेड़-पौधों को अपने जीवन का हिस्सा बना लें तो प्रदूषण का स्तर भी घटेगा और धरा पर हर तरफ हरियाली भी नजर आएगी। इसी विचारधारा ने इंजीनियर हेमंत को प्रकृति का प्रेमी बना दिया है। वह लोगों को पौधे दान करते हैं और इनकी हिफाजत करने को प्रेरित भी करते हैं। उनकी इस मुहिम में कई जिलों के सवा सौ से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं।

गांव फीना निवासी स्व. हरिराज सिंह के पुत्र हेमंत कुमार सिचाई विभाग में सहायक अभियंता हैं और लखनऊ में तैनात हैं। उनका जीवन पेड़-पौधों से जुड़़ा है। पिता ने उन्हें सिखाया कि पेड़-पौधे जीवन के लिए कितने आवश्यक हैं। जैसे-जैसे वह बड़े हुए, हरियाली के प्रति प्रेम बढ़ता गया। समय के साथ पेड़ों के कटान और प्रदूषण का सिलसिला बढ़ता गया। इससे मन विचलित हुआ तो एक मुहिम शुरू करने की जिज्ञासा जागी। वह घर-घर पौधे पहुंचाते हैं।

हेमंत कुमार बताते हैं कि उनका उद्देश्य पर्यावरण का संरक्षण है। इसके लिए वह लोगों को पौधे दान करते हैं। अब तक इस मुहिम में 125 लोगों को जोड़ चुके हैं। लखनऊ व चित्रकूट में उन्होंने विशेष अभियान शुरू किया, जिससे लोगों में प्रकृति को लेकर जागरूकता भी पैदा हुइ र्है। इस अभियान को उन्होंने पेड़ जियाओ लघु अभियान नाम दिया है।

गृह जनपद में मांग रहे सहयोग

हेमंत कुमार बताते हैं कि छुट्टी में घर आते हैं तो परिचितों व अन्य लोगों को इस मुहिम से जुड़ने की अपील करते हैं। उनका मानना है कि मनुष्य अपने जीवन में तमाम पेड़ों को नष्ट कर देता है, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए। पौधों का लेते हैं हाल-चाल

उनका कार्य पौधों को दान मात्र करने पर ही समाप्त नहीं होता। जिस व्यक्ति को पौधा दान करते हैं, उसकी पूरी जानकारी अपने पास नोट करते हैं। गुपचुप तरीके से हर दो वर्ष में उसके घर पहुंचकर पौधे का निरीक्षण करते हैं। इस तरह के पौधे करते हैं दान

हेमंत अब तक वह आम, नीम, पीपल, अशोक, अमरूद, गुलमोहर, चितवन, सीरस, शहतूत आदि पौधों का दान कर चुके हैं। साथ ही कई लोगों से पौधरोपण भी करा चुके हैं। उन्हें चित्रकूट व लखनऊ में विभिन्न संगठनों द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।