बसपा का साथ छोड़कर रालोद में शामिल हुए मलूक नागर, जयंत चौधरी ने धागा पहनाकर दिलाई सदस्यता
बसपा सांसद मलूक नागर ने पार्टी का साथ छोड़ राष्ट्रीय लोकदल का दामन थाम लिया है। गुरुवार को रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। मलूक नागर ने गुरुवार की सुबह ही बीएसपी से इस्तीफा दिया था। सांसद ने बसपा प्रमुख को एक पत्र लिखकर दर्द बयां किया है और इस्तीफे की वजह भी बताई है। बसपा ने बिजनौर सीट से नागर का टिकट काट दिया था।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बसपा सांसद मलूक नागर ने पार्टी का साथ छोड़ राष्ट्रीय लोकदल का दामन थाम लिया है। गुरुवार को रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई। बिजनौर से सांसद मलूक नागर ने गुरुवार की सुबह ही बीएसपी से इस्तीफा दिया था। सांसद ने बसपा प्रमुख को एक पत्र लिखकर अपना दर्द बयां किया है और इस्तीफे की वजह भी बताई है। बता दें, बसपा ने इस बार बिजनौर सीट से नागर का टिकट काटकर चौधरी ब्रिजेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
सांसद ने कहा था, ''मौजूदा हालातों और राजनीतिक माहौल को देखकर, आज मैं, मेरे बड़े भाई श्री लखीराम नागर, (पूर्व मंत्री, उ.प्र. सरकार), मेरी धर्मपत्नी श्रीमती सुधा नागर, (पूर्व ज़िला पंचायत अध्यक्ष) हम सभी, बहुजन समाज पार्टी को छोड़ रहे है।''
बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से वर्तमान सांसद श्री मलूक नागर जी ने आज बसपा से त्यागपत्र देकर राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयन्त सिंह जी की उपस्थिति में राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण की है। इस अवसर पर चौधरी साहब ने हरा धागा पहनाकर राष्ट्रीय लोकदल परिवार में उनका स्वागत… pic.twitter.com/FUKZcYmrc3
— Rashtriya Lok Dal (@RLDparty) April 11, 2024
मलूक नागर मायावती के नाम पत्र में लिखी ये बात
सांसद ने बसपा प्रमुख मायावती के नाम एक अन्य पत्र में लिखा, ''हमारे परिवार में करीब पिछले 39 वर्षों से लगातार कांग्रेस व बसपा द्वारा कई बार ब्लॉक प्रमुख व कई बार चेयरमैन जिला परिषद/अध्यक्ष जिला पंचायत व कई बार विधायक (M.L.A/M.L.C) व उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री व देश में सांसद लगातार रहते आ रहे हैं, इस करीब 39 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ कि हम विधायक भी नहीं लड़ पाए और सांसद भी नहीं लड़ पाए।सांसद ने आगे लिखा, ''हमने दिसंबंर 2006 में आपके आशीर्वाद से बसपा पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी, आपके आशीर्वाद से हम कई पदों पर रहे, इसके लिए हम हमेशा आपके आभारी रहेंगे, हमारे परिवार की राजनीतिक हैसियत और सामाजिक हैसियत या देश स्तर पर पहचान वाला कोई भी व्यक्ति नहीं जो हमारे जितना लंबा समय के लिए बसपा पार्टी में रहा हो, उसे कुछ सालों में बसपा पार्टी द्वारा निकाल दिया गया या वह खुद बसपा पार्टी छोड़कर चला जाता है। मैं दावे से कह सकता हूं कि बसपा पार्टी में मैंव मेरे परिवार को इतने लंबे समय तक कई बार उतार-चढाव देखने के बाद भी बसपा पार्टी में ही रहे।''नागर ने कहा, ''मैं 2019 में जब बिजनौर लोकसभा से बसपा, सपा, आरएलडी के साथ उम्मीदवार के रूप में सांसद बना, तो आपने मुझे सदन में उपनेता भी बनाया, पिछले पांच सालों में, मैं हमेशा किसानों, दलितों, पिछड़ों, गरीबों, मजदूरों की लड़ाइयां लड़ी, मैं लोकसभा में 864 मुद्दों को उठछाया, या ये कहे कि 17वीं लोकसभा में सबसे अधिक मुद्दों को उठाए व हम बाबा अंबेडकर साहब, कांशीराम साहब व चौधरी चरण सिंह व सभी जाति धर्म में जन्मे महापुरुषों की आवाज भी उठाई। बिजनौर लोकसभा और पूरे देश के हर हिस्से में किसानों, दलितों, पिछड़ों, गरीबों की आवाज संसद में उठाए। आज के परिवेश व कई राजनीतिक कारणों से हम आज बसपा पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देते हैं।''
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