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UP Politics: यूपी की इस सीट से मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को लड़ा सकती हैं चुनाव, सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले को फिट करने की कोशिश

Lok Sabha Election 2024 BSP News बिजनौर के बाद नगीना सीट पर भी प्रत्याशी बदल सकती है बसपा नगीना सीट बसपा सुप्रीमो की विरासत भतीजे आकाश को भी मिल सकता है मौका। चर्चा है कि चंद्रशेखर को रोकने और नगीना सीट पर फिर से कब्जा जमाने के लिए पार्टी यहां किसी मजबूत चेहरे को लाना चाहती है। एक दो दिन में इस सीट पर प्रत्याशी की घोषणा हो सकती है।

By Ajeet Chaudhary Edited By: Abhishek Saxena Updated: Sun, 17 Mar 2024 01:24 PM (IST)
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Lok Sabha Election: नगीना सीट बसपा सुप्रीमो की विरासत, भतीजे आकाश को भी मिल सकता है मौका
जागरण संवाददाता, बिजनौर। बसपा ने बिजनौर लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद मलूक नागर का टिकट काटकर यहां से पहली बार जाट प्रत्याशी पर दांव खेला है। अब चर्चा है कि नगीना लोकसभा सीट पर भी बसपा मौजूदा सांसद का टिकट काट सकती है। उन्हें किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ाया जा सकता है जबकि नगीना से किसी बड़े चेहरे को मैदान में उतारा जा सकता है।

चूंकि नगीना सीट आरक्षित है लिहाजा यहां से सभी प्रत्याशी अनुसूचित जाति के होंगे। भाजपा गठबंधन ने तीन बार के विधायक ओम कुमार को प्रत्याशी बनाया है वहीं आजाद समाज पार्टी के संस्थापक चंद्रशेखर भी ताल ठोंक रहे हैं।

सपा ने भी पूर्व जज मनोज कुमार को प्रत्याशी बनाया है। लिहाजा बसपा ऐसा नाम तलाश रही है जो बसपा के वोटबैंक में अन्य दलों की सेंधमारी को रोक सके। चर्चा है कि जिस जनपद ने मायावती को पहली बार लोकसभा में भेजा था वहां से अपने भतीजे आकाश आनंद को भी चुनाव लड़ा सकती हैं।

ये था 2019 का परिणाम

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा, सपा और रालोद का महागठबंधन हुआ तो जिले की दोनों सीट बसपा के खाते में गईं। बसपा ने बिजनौर सीट से गुर्जर समाज के बड़े चेहरे मलूक नागर और सुरक्षित नगीना सीट से गिरीश चंद्र पर दांव खेला। महागठबंधन का दांव भाजपा प्रत्याशियों पर भारी पड़ा और दोनों सीट से बसपा बड़े अंतर से जीती। प्रदेश में कुल दस सीट पाने वाली बसपा की झोली में दो सीट केवल बिजनौर से ही आईं। इससे पार्टी के लिए बिजनौर जिले का महत्व समझा जा सकता है।

विजेंद्र सिंह पर खेला दांव

इस बार अकेले चुनाव मैदान में कूदी बसपा ने सोशल इंजीनियरिंग के नए फार्मूले को अपनाते हुए पहली बार जाट प्रत्याशी विजेंद्र सिंह पर दांव खेला है। आज तक इस सीट पर बसपा ने जाट प्रत्याशी नहीं उतारा था। पार्टी ने अब तक नगीना सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। यहां से गिरीश चंद्र वर्तमान सांसद हैं।

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पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी इस बार उनकी सीट बदलने जा रही है। उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की किसी दूसरी सीट से टिकट थमाया जाएगा। 

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यह है सीट का इतिहास

नगीना लोकसभा सीट का गठन वर्ष 2009 में हुआ था। पहले चुनाव में सपा के यशवीर सिंह चुनाव जीते और 2014 में मोदी लहर में भाजपा के डा.यशवंत सिंह सांसद बने। 2019 में महागठबंधन में गिरीश चंद्र ने सांसद की कुर्सी कब्जाई।

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