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Mushroom Farming : कमरे में AC लगाकर उगा दिए मशरूम, साल में कमा रहे 2 करोड़ से ज्यादा

ठंडे कमरों में एसी लगाकर ठंड में बटन मशरूम की खेती शुरू की। गर्मियों में एसी चलाई और सर्दियों में आधे साल ठंड में बिना एसी के ही मशरूम की खेती की। एक कमरे में साल भर में 35 से 40 लाख रुपये का माल साल में निकल रहा है। इसके अलावा पांच छोटी झोपड़ी भी सर्दी में मशरूम की खेती के लिए बनवाई हैं।

By Ajeet Chaudhary Edited By: Mohammed Ammar Updated: Sun, 06 Oct 2024 04:54 PM (IST)
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गुड़गांव में जॉब के साथ अतुल करते हैं मशरूम फार्मिंग।
अजीत चौधरी, बिजनौर। खेती में भी स्टार्टप होते हैं और जिले के युवा इस बात को साबित कर रहे हैं। चांदपुर के गांव सुनगढ़ निवासी अतुल सिंह ने खेती में आमदनी बढ़ाने के लिए स्टार्टअप करते हुए एक झोपड़ी से मशरूम की खेती शुरू की और फर्म खड़ी कर दी। उनका सालाना टर्नओवर दो करोड़ रुपये से ऊपर है। अतुल सिंह ने बिना किसी सरकारी सहायता के यह मुकाम हासिल किया है।

अतुल सिंह ने पेट्रोलियम इंजीनियरिंग करके जाब शुरू की। कोरोना के समय वे घर आए तो लगा कि गन्ने की खेती में उनके स्वजन पूरे साल मेहनत करते हैं लेकिन बचत बहुत कम होती है। अतुल सिंह ने एक झोपड़ी में बटन मशरूम की खेती शुरू की। थोड़ी जगह में भी मशरूम से अच्छी आमदनी हो गई। उन्होंने बिना किसी सरकारी सहायता के 1200-1200 वर्ग फीट के चार पक्के कमरे बनवाए और उनमे एसी लगवाईं।

ठंडे कमरों में एसी लगाकर ठंड में बटन मशरूम की खेती शुरू की। गर्मियों में एसी चलाई और सर्दियों में आधे साल ठंड में बिना एसी के ही मशरूम की खेती की। एक कमरे में साल भर में 35 से 40 लाख रुपये का माल साल में निकल रहा है। इसके अलावा पांच छोटी झोपड़ी भी सर्दी में मशरूम की खेती के लिए बनवाई हैं। अतुल सिंह सप्ताह में तीन दिन गुड़गांव में अपनी नौकरी करते हैं और चार दिन अपने फार्म पर मशमरू की खेती को देखते हैं।

माल कम तो दाम ज्यादा

मशरूम के थोक दाम गर्मियों में 150 से 175 और सर्दियों में 125 रुपये प्रति किलो तक होते हैं। सर्दियों में कम दाम होने की भरपाई सर्दी में झोपड़ी में मशरूम की खेती करके करते हैं। इससे उत्पादन बढ़ जाता है और एसी का खर्च भी नहीं आता

छह बार लगते हैं बैग

अतुल सिंह एक कमरे में 800 से तीन हजार तक बैग लगाते हैं और एक साल में छह बार बैग बदलते हैं। एक बैग में एक बार में ढाई से तीन किलो तक मशरूम आती है। उनकी फर्म से ही सारा माल उड़ जाता है।

खेती में हो रहे स्टार्टअप

अतुल सिंह जैसे युवा खेती में कुछ नया करके सफलता प्राप्त कर रहे हैं। खेती में भी स्टार्टअप हो सकता है यह युवा साबित कर रहे हैं। ऐसे युवाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

जसवीर सिंह, जिला कृषि अधिकारी

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