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फिर सियासत का 'नगीना' बनेगा बिजनौर

बिजनौर: आगामी लोकसभा के चुनाव में बिजनौर जिला सियासत के पहिये की धुरी बनने वाला है। इस जिले की पगडंडियों से ही होकर अनुसूचित राजनीति के दो दिग्गज मीरा कुमार व मायावती ने संसद का सफर तय किया।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 12 Jan 2019 10:54 PM (IST)
फिर सियासत का 'नगीना' बनेगा बिजनौर

बिजनौर: आगामी लोकसभा के चुनाव में बिजनौर जिला सियासत के पहिये की धुरी बनने वाला है। इस जिले की पगडंडियों से ही होकर अनुसूचित राजनीति के दो दिग्गज मीरा कुमार व मायावती ने संसद का सफर तय किया। एक बार फिर बसपा सुप्रीमो मायावती के नगीना से चुनावी दंगल में उतरने की संभावनाओं ने सियासी जगत में हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक नजरिए से बसपा सुप्रीमो के सुरक्षित सीट नगीना से चुनाव लड़ने के पीछे वेस्ट यूपी की उसर जमीन में गठबंधन की फसल को हरा-भरा करना है।

जिला बिजनौर और अनुसूचित राजनीति के रिश्तों ने कई बार एतिहासिक इबारत लिखी है। अब सपा-बसपा के चुनावी गठबंधन के साथ ही बसपा सुप्रीमो मायावती के नगीना संसदीय सीट (सुरक्षित) से चुनावी मैदान में उतरने की संभावना प्रबल हो गई है। गौरतलब है कि आजादी के बाद से अब तक के आम चुनाव में बिजनौर सीट 12 बार सुरक्षित रही है। इससे पहले बिजनौर की सियासत में मीरा कुमार, मायावती व रामविलास पासवान जैसे दिग्गज नेता यहां से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर चुके हैं। मीराकुमार व मायावती के सिर जीत का सेहरा बंधा तो रामविलास पासवान को हार का मुंह देखना पड़ा था। 1985 के उप चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी व पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम की बेटी मीरा कुमार ने रामविलास पासवान को 5339 वोटों से हरा दिया था। मीराकुमार को 1,28,086 व रामविलास पासवान को 1,22,747 वोट मिले थे, जबकि पहली बार चुनावी सियासत में उतरीं निर्दलीय प्रत्याशी मायावती को 61,504 वोट मिले थे। इसके बाद 1989 के आम चुनाव में मायावती बिजनौर सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचीं थीं। बसपा की मायावती को 1,83,189 और जनतादल प्रत्याशी मंगल राम प्रेमी को 1,74,310 मत मिले थे।

नगीना सीट पर मुस्लिम-अनुसूचित वोट निर्णायक

अब एक नजर नगीना संसदीय सीट पर दौड़ाते हैं। यह सीट नए परिसीमन में सृजित हुई थी। नगीना सीट के अंतर्गत नगीना, नजीबाबाद, धामपुर, धामपुर व नूरपुर विधानसभा हैं। 2009 में इस सीट पर पहले आम चुनाव में सपा के यशवीर ¨सह सांसद 36.94 फीसद वोट लेकर सांसद बने। बसपा प्रत्याशी को 27.22 फीसद व भाजपा समर्थित रालोद प्रत्याशी को 25.34 फीसद वोट मिले। करीब 16 लाख वोट वाली इस सुरक्षित सीट पर मुस्लिम मतदाता छह लाख से अधिक हैं, जबकि अनुसूचित जाति के मतदाता भी तीन लाख से अधिक हैं। बड़े नेताओं की जीत के लिहाज से यह सुरक्षित सीट पूरी तरह से सुरक्षित है। नगीना संसदीय सीट-

विधानसभा-नगीना, नूरपुर, नजीबाबाद,

नहटौर व धामपुर। वर्ष 2009 के नगीना सीट के चुनाव पर एकनजर----

पार्टी प्रत्याशी मत प्रतिशत

सपा यशवीर ¨सह 2,34,815 36.49

बीएसपी रामकिशन ¨सह 1,75,127 27.22

रालोद मुंशीराम पाल 1,63,062 25.34

कांग्रेस ईसम ¨सह 31,779 4.94

निर्दलीय रामचंदर 11,012 1.17 वर्ष 2014 का चुनाव-----

भाजपा यशवंत ¨सह 3,67,825 39.02

सपा यशवीर ¨सह 2,75,435 29.22

बसपा गिरीश चंद 2,45,685 26.06

पीईसीपी शीशराम रवि 21,334 2.26

एमडी भगवान दास राठौर 4581 0.59

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