Reindeer In Bijnor: उत्तराखंड आपदा के बाद बारहसिंगा को भाया बिजनौर का एरिया; बरसात में गंगा तट से रामगंगा नदी की तरफ बढ़े झुंड
Reindeer In Bijnor इस साल भी जिले के साथ साथ उत्तराखंड में बादलों ने खूब पानी बरसाया और गंगा भी उफनी रही। कई दिन तक गंगा में पानी खतरे के निशान के पास ही चलता रहा। गंगा में पानी बढ़ा रहने और वेटलैंड एरिया पूरी तरह पानी में डूबे रहने की वजह से बारहसिंगा ने एक बार फिर से अपनी जान बचाने के लिए पलायन किया है।
By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Thu, 23 Nov 2023 08:35 AM (IST)
जागरण, संवाददाता, बिजनौर। केदारनाथ आपदा के बाद फिर से एक बार बारहसिंगा ने पलायन किया है। बारासिंघा गंगा के तट से इस बार हरेवली क्षेत्र में रामंगा नदी के किनारे पहुंच गए हैं। वहां पर उनकी संख्या इस बार काफी देखी जा रही है जबकि गंगा के किनारे बारहसिंगा न के बराबर दिख रहे हैं।
गंगा किनारे हजारों बीघा भूमि में वेटलैंड है। यहां 300 से ज्यादा देशी-विदेशी प्रजाति के पक्षी कलरव करते रहते हैं। यहां बारहसिंगा के बड़े झुंड भी देखे जा सकते हैं।
आपदा में बह गए थे बारहसिंगा
साल 2013 में उत्तराखंड में आई आपदा का सारा पानी जिले में ही गंगा नदी में आया था। तब गंगा खतरे के निशान से काफी ऊपर बही थी। कहा जाता है कि तब काफी बारहसिंगा पानी की तेज धारा में बह गए थे। इसके अलावा बारहसिंगा अपनी जान बचाने के लिए ऊंचाई पर स्थित उत्तराखंड की झिलमिला रेंज में भी चले गए थे।ये भी पढ़ेंः राजौरी में आतंकियों से मुठभेड़ में आगरा के कैप्टन शुभम गुप्ता बलिदान; बचपन से थी सेना की वर्दी पहनने की तमन्ना, 9 पैरा के जाबांज थे
इसके बाद काफी साल तक गंगा बैराज के आसपास बारहसिंगा या तो दिखे नहीं या एक दो की संख्या में दिखे।तीन चार साल पहले बारहसिंगा के बड़े झुंड भी गंगा की रेती में घूमते हुए देखे जा रहे थे और इनकी संख्या में काफी इजाफा हुआ था।
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