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बिखरी बजरी और गड्ढे बयां कर रहे सड़कों का हाल

शहर से सटी हों या ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बदहाल हैं। गहरे गड्ढों और बिखरी बजरी से चलना मुश्किल है। आए दिन वाहन गिरने से राहगीर जख्मी हो रहे हैं। पीडब्लूडी की सड़कों पर पैचवर्क होता है लेकिन बाकी मद से बनी सड़कें अपने बुरे हाल में ही रहती हैं। कमीशनखोरी के चलते संपर्क मार्ग टूट चुके हैं। बनते समय सही जांच नहीं होने से यह समस्या बढ़ती है।

By JagranEdited By: Updated: Fri, 27 Aug 2021 11:06 AM (IST)
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बिखरी बजरी और गड्ढे बयां कर रहे सड़कों का हाल

जेएनएन, बिजनौर। शहर से सटी हों या ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बदहाल हैं। गहरे गड्ढों और बिखरी बजरी से चलना मुश्किल है। आए दिन वाहन गिरने से राहगीर जख्मी हो रहे हैं। पीडब्लूडी की सड़कों पर पैचवर्क होता है, लेकिन बाकी मद से बनी सड़कें अपने बुरे हाल में ही रहती हैं। कमीशनखोरी के चलते संपर्क मार्ग टूट चुके हैं। बनते समय सही जांच नहीं होने से यह समस्या बढ़ती है। नतीजतन, लोगों को टूटी सड़कों पर ही रेंगना पड़ता है। गड्ढे हादसों का सबब बन जाते हैं। बरसात के बाद सड़क की हालत बुरी हो जाती है।

------------ बास्टा-बहापुर को जाने वाला मार्ग जर्जर

वर्ष 2007 में चांदपुर से बास्टा और बास्टा से बहापुर के लिए बना 14 किलोमीटर का संपर्क मार्ग वर्तमान हालत में बहुत ही बदतर हो चुका है। पीडब्ल्यूडी की ओर से बनाया गया यह मार्ग आज जीर्णोद्धार को तरस रहा है। मार्ग की हालत गांव की गलियों से बुरी हो चुकी है। बरसात में तो हालत और खराब हो गई है। यहां से आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी हो रही है। पैचवर्क किया गया। कुछ जगह पट्टी लगाई गई, लेकिन फिर वही बुरा हाल हो गया। जिसके चलते यह मार्ग और भी खस्ताहाल हो गया है। मार्ग में कीचड़ और गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं। रात में यह मार्ग हादसों का कारण भी बन जाता है। इस मार्ग के निर्माण के लिए ग्रामीण कई बार मांग उठा चुके हैं, लेकिन अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधि तक कोई ध्यान नहीं देते। जिससे ग्रामीण खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं।

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बजरी में तब्दील हुआ कंभौर मार्ग

आठ साल पूर्व बना बिजनौर-कंभौर संपर्क मार्ग सालों से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। कोई इसकी सुध लेने वाला नहीं है। यह संपर्क मार्ग कंभौर, फतेहपुर, सिरधनी समेत कई गांवों को जोड़ता है। यह मार्ग गन्ना विकास परिषद की ओर से वर्ष 13-14 में 42 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था। दो साल बाद ही यह मार्ग धीरे-धीरे टूटने लगा। नतीजा यह हुआ कि पांच साल से यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई। सड़क टूटने से बजरी सड़क पर बिखर गई। बजरी पर बाइक फिसलने से अब तक सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं। गाड़ियों के टायर फट रहे हैं। कोई भी इनकी सुध लेने वाला नहीं है। लोग सालों से टूटी सड़क की परेशानी झेल रहे हैं। -----

प्रस्ताव में अटकी जाता है मरम्मत कार्य

सड़कों का पैचवर्क प्रस्ताव में अटक जाता है। अक्सर सड़क टूटने पर उसकी पुन:निर्माण या मरम्मत के लिए प्रस्ताव भेजा जाता है। प्रस्ताव सालों तक अटके रहते हैं। धनराशि मंजूर नहीं होती है। सड़कें जस से तस रहती हैं। कंभौर मार्ग की भी यही हालत है। सालों से यह जीर्णोद्धार के लिए मांग उठ रही है। पूर्व प्रधान राजपाल सिंह का कहना है कि सड़क निर्माण के लिए कई बार मांग हो चुकी है। अभी तक इसकी मरम्मत नहीं हो सकी है।

------------ बरसात के बाद सभी सड़कों को गड्ढामुक्त करने का अभियान चलाया जाता है। पैचवर्क का कार्य किया जाता है। जिले में सड़कें गड्ढामुक्त हैं। कुछ खराब सड़कें हैं, उनके पुन: निर्माण के लिए प्रस्ताव भेज रखा है।

-सुनील सागर, पीडब्ल्यूडी एक्सईएन

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