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Bijnor News: बिजनौर में बनाया जाएगा पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला तितली पार्क, इंदिरा पार्क में भरेंगी उड़ान

तितलियों के रंग बिरंगे पंख बच्चों के मन को भा जाते हैं लेकिन अब तितलियां भी धीरे धीरे खत्म सी हो रही हैं। खेतों में लगातार कीटनाशकों के प्रयोग का असर इन पर पड़ा है। पहले खेतों में तितलियों के बड़े झुंडों को खेतों में फूलों पर मंडराते हुए देखा जा सकता था लेकिन अब यह पुराने जमाने की बात सी लगता है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Sun, 03 Dec 2023 12:00 PM (IST)
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Bijnor News: बिजनौर में बनाया जाएगा पश्चिमी उत्तर प्रदेश का पहला तितली पार्क, इंदिरा पार्क में भरेंगी उड़ान

जागरण संवाददाता, बिजनौर: जिले में एक बार फिर से तितली उड़ान भरती नजर आएंगी। बिजनौर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश का संभवत: पहला तितली पार्क बनने जा रहा है। यह इंदिरा पार्क में बनाया जाएगा।

पार्क में तितलियों को रोकने के लिए फूलों के पौधे लगाए जाएंगे और उनके अंडे व कैटर पिलर बाहर से लाई जाएंगी। तितली पार्क खासतौर से बच्चों के लिए एक अलग तरह की दुनिया साबित होगा।

मोबाइल की दुनिया में खो रहे बच्चे अब तितलियों की कहानियां तक नहीं पढ़ते हैं। हालांकि कोई तितली कभी कभार किसी बच्चे के सामने आ जाए तो वह उसके ध्यान को पूरी तरह खींच लेती है। तितलियों की दुनिया को फिर से सजीव करने का काम अब इंदिरा पार्क बिजनौर में किया जाएगा।

जिला मुख्यालय पर स्थित इंदिरा पार्क में कभी मगरमच्छ और हिरन पाले जाते थे और अब यहां तितलियां पाली जाएंगी। इसके लिए वन विभाग ने इको टूरिज्म का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है।

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रोचक है तितलियों का जीवन

तितलियों का जीवन इंसानों के लिए बहुत रोचक होता है। ये पेड़ों के कोमल पत्तियों पर अंडे देती हैं। अंडों से तितली के बच्चे कैटर पिलर के रूप में निकलता है। इन्हें स्थानीय भाषा में सूंडी कहा जाता है। ये कैटर पिलर पेड़ों की पत्तियों को खाते रहते हैं और कुछ दिन बाद पत्ती से चिपक जाते हैं। इसके बाद कैटर पिलर के खोल को केंचुली की तरह फाड़कर तितली निकलती है।

लाएं जाएंगे तितलियों के अंडे

तितली पार्क बनाने के लिए इंदिरा पार्क में फूलों के पौधे लगाए जाएंगे। यहां तितलियों के अंडो और कैटर पिलर लाकर पौधो पर रखी जाएंगी। कोशिश की जा रही है कि पहली ही बार में 50 से अधिक प्रजाति की तितलियां यहां लाई जाएं।

फूलों पर मंडराती हैं तितली

तितली वहीं रूकती है जहां फूलों के पौधे अधिक होते हैं। वे फूलों से परागकण चूसती हैं। इसके अलावा तितलियों के रहने के लिए स्वच्छ पर्यावरण भी बहुत जरूरी होता है। अगर हवा की गुणवत्ता खराब हो तो तितलियां बच नहीं पाती हैं। बिजनौर और इंदिरा पार्क में तितली पार्क के लिए अनुकुल परिस्थितयां हैं।

इंदिरा पार्क को तितली पार्क में विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। बिजनौर में बनने वाले बायोडायवर्सिटी पार्क में भी तितली पार्क बनाया जाएगा। अरुण कुमार सिंह, डीएफओ 

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