देवोत्थानी एकादशी से शुरू हुए मांगलिक कार्य, विवाह संस्कार की रही धूम; मैरिज होम व बैंक्वेट हाल समेत बरात घर लौटी रौनक
Dev Uthani Ekadashi 2023 स्वार्थ सिद्धि व रवि योग के संयोग में इस बार देवोत्थान एकादशी मनाई गई। पांच माह से मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हटते ही देवोत्थान एकादशी पर विवाह संस्कारों की धूम रही। अबूझ मुहूर्त होने के कारण खूब शहनाई बजी। मैरिज होम बैंक्वेट हाल बरात घर व फार्म हाउस आदि में रौनक लौट आई। कई स्थानों पर...
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। Dev Uthani Ekadashi 2023: स्वार्थ सिद्धि व रवि योग के संयोग में इस बार देवोत्थान एकादशी मनाई गई। पांच माह से मांगलिक कार्यों पर लगी रोक हटते ही देवोत्थान एकादशी पर विवाह संस्कारों की धूम रही। अबूझ मुहूर्त होने के कारण खूब शहनाई बजी। मैरिज होम, बैंक्वेट हाल, बरात घर व फार्म हाउस आदि में रौनक लौट आई। सड़कों पर बरात की चढ़त से काफी चहल-पहल रही। कई स्थानों पर जाम के हालात रहे।
भगवान विष्णु के जागते ही मांगलिक कार्य हुए शुरू
देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु शयन मुद्रा के लिए क्षीरसागर में चले जाते हैं। चार माह बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष देवोत्थानी एकादशी पर जागृत होते हैं। इस बार 29 जून को देव शयनी एकादशी रही। चार माह 25 दिन बाद अब गुरुवार को कार्तिक शुक्ल पक्ष देवोत्थानी एकादशी पर शयन मुद्रा से भगवान विष्ण जागृत हुए। मांगलिक कार्य पर पांच माह से लगी रोक हटने से मंडप सजाए गए और खूब शहनाई बजी। अबूझ मुहूर्त होने के कारण इस दिन विवाह संस्कार की धूम रही।
स्वार्थ सिद्धि योग व रवि योग में व्रत-पूजन रहा फलदायी
ज्योतिषाचार्य पंडित राजेश भट्ट के अनुसार इस वर्ष देवोत्थान एकादशी पर स्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग का संयोग बना। एकादशी के व्रत व पूजा-पाठ के लिए यह संयोग फलदायी रहा। गुरुवार के दिन देवोत्थान एकादशी पड़ने से इस दिन का महत्व बढ़ गया। जिस मनोरथ का फल त्रिलोक में कहीं न मिल सके, वह देवोत्थान एकादशी व्रत से सहजता से प्राप्त हो जाता है।
भगवान के जागते ही महीनों से रुके हुए मांगलिक कार्य, गृह प्रवेश, विवाह, मुंडन व देव प्रतिष्ठा इत्यादि कार्यक्रम फिर से शुरू हो जाते हैं। यह दिन अबूझ मुहूर्तों में भी आता है।
फूल, मंडप सजाने वालों का भी चमका कारोबार
अबूझ मुहूर्त होने के कारण इस दिन सभी मैरिज हाल, होटल, बैंक्वेट हाल व पार्टी हाल आदि में भारी बुकिंग रही। यहां तक कि खुले मैदानों में भी टेंट लगाए गए, जिनमें दो-तीन दिन से हलवाई व्यजंन बनाने में जुटे रहे। बैंडबाजा, घोड़ा-बग्गी वालों की भी शिफ्ट चली। फूल, मंडप सजाने वालों का भी कारोबार खूब चमका। दुल्हन को मेकअप कराने के लिए ब्यूटीशियन के यहां इंतजार करना पड़ा। शहर में बरात चढ़त के कारण जाम की स्थिति भी रही।