Bulandshahr Lok Sabha Chunav Result: बुलंदशहर लोकसभा सीट से इस प्रत्याशी ने दर्ज की जीत, बनाया नया रिकॉर्ड
Bulandshahr Lok Sabha Chunav Result भाजपा के दिग्गजों को एक ओर जहां हार का मुंह देखना पड़ा या जीत का अंतर कम हो गया। वहीं बुलंदशहर लोकसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर डा. भोला सिंह ने हैट ट्रिक लगाते हुए जीत का ग्राफ भी बढ़ा दिया। पिछले 2014 2019 से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव में डा. भाेला सिंह का जीत का अंतर बढ़ता ही चला गया।
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। (Bulandshahr Lok Sabha Chunav Result) लोकसभा चुनाव में भाजपा के दिग्गजों को एक ओर जहां हार का मुंह देखना पड़ा या जीत का अंतर कम हो गया। वहीं बुलंदशहर लोकसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर डा. भोला सिंह ने हैट ट्रिक लगाते हुए जीत का ग्राफ भी बढ़ा दिया। पिछले 2014, 2019 से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव में डा. भाेला सिंह का जीत का अंतर बढ़ता ही चला गया। इस बार उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले 17 हजार से अधिक वोट हासिल कर कांग्रेस के उम्मीदवार को हराया।
बुलंदशहर लोकसभा सीट पर लगातार तीसरी बार भाजपा ने सांसद डा. भोला सिंह को टिकट देकर उन पर विश्वास जताया। इस विश्वास पर सांसद खरे उतरे और जीत की हैट्रिक लगाई। इस बार जीत का अंतर भी बढ़ गया। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के डॉ. भोला सिंह को 604449 वोट मिले थे।वहीं बसपा के प्रदीप कुमार को 421973 वोट मिले थे। डा. भोला सिंह ने प्रदीप कुमार को एक लाख 82 हजार 467 वोट से हराया था। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डा. भोला सिंह ने बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा को 2,90, 057 वोटों से हराया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डा. भोला सिंह ने 681321, बसपा प्रत्याशी योगेश वर्मा ने 391264 व कांग्रेस प्रत्याशी बंशी सिंह ने 29465 वोट हासिल किए थे। इस बार उन्हाेंने आइएनडीआइए गठबंधन में कांग्रेस के उम्मीदवार शिवराम वाल्मीकि को तीन लाख सात हजार से अधिक वोटों से हराया। इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले जीत का अंतर इस चुनाव में बसपा के उम्मीदवार गिरीश चंद्र तीसरे स्थान पर रह गए।
भाजपा की रणनीति कामयाब रहीं। सांसद डा. भाेला सिंह ने पार्टी में सक्रिय कार्यकर्ता के अनुभव को जमीन पर उतारा और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। भाजपा अनुसूचित जाति माेर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री के पद पर रहते हुए डा. भोला सिंह ने लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं से संपर्क बनाए रखा। इसी का परिणाम उन्हें जीत के रूप में मिला। हालांकि डा. भोला सिंह ने जीत का श्रेय पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को दिया है।
इस हैट्रिक के साथ ही डा. भोला सिंह ने केन्द्रीय राजनीति में मजबूत दलित चेहरे के रूप में खुद को स्थापित कर लिया है। इसी के चलते भाजपा में उनका कद बढ़ गया है।इसे भी पढ़ें: INDI गठबंधन की बढ़त के बीच अखिलेश के नए पोस्टर्स ने बढ़ाया सियासी तापमान, पेश की प्रधानमंंत्री पद की दावेदारी
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