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Bulandshahr News: डेंगू से सेनेट्री व्यापारी के इकलौते बेटे की मौत, बुखार के इन लक्षणों को जानकार रखें सेहत का ख्याल

Bulandshahr News डेंगू के बढ़ते हमले को लेकर लोगों में दहशत बरकरार है जिस गांव में बुखार से मौत होती है वहां स्वास्थ्य विभाग जांच शिविर लगाकर खानापूरी कर देता है। सीएमओ डा. विनय कुमार सिंह का कहना है कि टीम भेजकर मरीज की मौत और इलाज व जांच की हिस्ट्री पता करेंगे। उन्होंने लोगों से मच्छरों से बचाव के लिए एहतियात बरतने की अपील की है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek SaxenaUpdated: Thu, 26 Oct 2023 12:47 PM (IST)
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Bulandshahr News: डेंगू ने ले ली व्यापारी के इकलौते बेटे की जान
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। डेंग बुखार ने शहर से लेकर देहात तक हाहाकार मचा रखा है। आए दिन डेंगू बुखार लोगों की जान ले रहा है। अब इस जानलेवा बुखार ने शहर के सैनेट्री व्यापारी के इकलौते बेटे की जान ले ली। इसके अलावा जिले में सौ से अधिक डेंगू बुखार से लड़ रहे हैं। बावजूद इसके इलाज के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है।

शहर के कैलाशपुरी निवासी सेनेट्री व्यापारी प्रदीप अग्रवाल के 33 वर्षीय बेटे अंकुर अग्रवाल को एक सप्ताह पहले दुकान पर बैठे हुए बुखार आया तो उन्होंने दवा ले ली। इसके बाद चिकित्सक को दिखाया। पांच दिन पहले उनको डेंगू बुखार की पुष्टि हुई।

निजी अस्पताल में चल रहा था उपचार

उनका इलाज एक निजी अस्पताल में चल रहा था। लगातार प्लेटलेट्स गिरती जा रही थी। काफी प्रयास के बाद भी अंकुर की हालत में सुधार नहीं हुआ और बुधवार की शाम अंकुर ने दम तोड़ दिया। व्यापारी के इकलौते बेटे की मौत से परिवार में कोहराम मच गया।

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डेंगू से यह पहली मौत नहीं, पचास से अधिक लोग जानलेवा बुखार के कारण काल का निवाला बन चुके है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में डेंगू बुखार से मात्र चार लोगों की ही मौत हुई है। जिले में अब तक 369 डेंगू मरीजों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि पिछले साल मात्र 18 मरीजों को डेंगू की पुष्टि की गई थी।

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बुखार के गंभीर लक्षण

  • ब्लड प्रेशर का 90 एमएम से नीचे जाना और पल्स रेट का 110 से ऊपर होना।
  • लिवर का साइज बढ़ जाना और सांस लेने में तकलीफ होना।
  • हाथ और पैरों में सूजन और शरीर पर लाल दाने होना।
  • पेट का फूल जाना और शरीर में अधिक बेचैनी होना।
  • बुखार के साथ दौरे पड़ना और कभी कभी बेहोश तक हो जाना।
  • बुखार के साथ नाक, आंख, मुंह, पेशाब या लेट्रिन के रास्ते खून आना।
  • हाथों और पैरों का ठंडा पड़ना तथा बुखार के साथ पेशाब का पीला आना।
  • बुखार उतरने के बाद पेट में दर्द और उल्टी का बने रहना।

बुखार से बचाव को ये करें

  • घर के आसपास गंदा पानी जमा न होने दें।
  • नालियों में मिट्टी के तेल का छिड़काव कर दें।
  • कूलर और बर्तन में रखे पानी को 24 घंटे में बदलते रहें।
  • पूरी बाजे के कपड़े और पायजामा पहनें।
  • मच्छरदानी का प्रयोग करें।
  • दूध या दूध से बनी चीजों जैसे मावा आदि का सेवन न करें।
  • आइसक्रीम, पेस्ट्री, बाहर की चाट और चाऊमीन, बाहर का ठंडा पेय पदार्थ न लें।
  • साफ व शुद्ध पानी ही पीएं। 

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