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UPPCL: एक घंटे में 20 मिनट आ रही बिजली, परेशान उपभोक्ता ने अधिकारियों के सामने रख दी अनोखी मांग

यूपी में बिजली कटौती से उपभोक्ता परेशान हैं। गर्मी में बिजली कटौती पसीना-पसीना कर देती है। बुलंदशहर में उपभोक्ता ने आरोप लगाया है कि उनके मोहल्ले में एक घंटा में 20 मिनट बिजली औसतन आ रही है। ऐसे में उपभोक्ता ने अधिकारियों से इस्तीफे की मांग कर दी है। बताया कि कई शिकायतें की हैं लेकिन किसी भी बिजली अधिकारी ने कोई ध्यान नहीं दिया।

By Bhupendra Kumar Edited By: Aysha Sheikh Updated: Sat, 27 Jul 2024 02:43 PM (IST)
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बिजली संकट से परेशान उपभोक्ता ने अधिकारियों से मांग लिया इस्तीफा - प्रतीकात्मक फोटो।
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। बिजली सुधार को लेकर अफसर चाहे जो दावे करते हो लेकिन धरातल पर हालात बदत्तर ही हैं। उमसभरी गर्मी में अंधाधुंध कटौती के कारण लोग पसीना-पसीना हो रहे हैं। बिजली न मिलने पर सप्लाई कटने का कारण न पता चलने पर शिकायत करने वाले उपभोक्ता ने अधिकारियों से इस्तीफा देने की मांग की है। जिस क्षेत्र के इस्तीफा मांगा है उनके मोहल्ले में एक घंटा में 20 मिनट बिजली औसतन आ रही है।

शहर के सम्राट लाज के पास गुलमोहर एन्कलेव निवासी तनिस अग्रवाल ने बताया कि वह पिछले एक माह से बिजली के संकट से परेशान हैं। हम हर घंटे लगातार बिजली कटौती की समस्या का सामना कर रहे हैं। पिछले एक माह से हम हर 15 मिनट में पांच मिनट की बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं। परेशान उपभोक्ता ने ट्विटर, 1912 और काल पर कई शिकायतें की हैं, लेकिन किसी भी बिजली अधिकारी ने कोई ध्यान नहीं दिया।

जेई, एसडीओ और एक्सईएन के सुनवाई न करने पर तनिस ने कई बार तत्कालीन मुख्य अभियंता सैय्यद अब्बास रिजवी और वर्तमान मुख्य अभिंयता राजीव कुमार मित्तल से शिकायत की। आवास विकास बिजली उपकेंद्र के जेई श्रीराम को तो ऐसे हैं कि उन्हें अपने उपकेंद्र पर बिजली जाने का कारण तक बता नहीं है। जेई यह भी जवाब नहीं दे पाते हैं कि सप्लाई जुड़ेगी कब तक।

फोन तक रिसीव नहीं करते एसडीओ 

एसडीओ और एक्सईएन तो फोन तक रिसीव नहीं करते हैं। जब भी एसडीओ और एक्सईएन को फोन किया जाता है तो उन्हें बिजली आपूर्ति के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं होता है, वे हमेशा सोते रहते हैं, और कभी कुछ नहीं करते हैं। बिजली अधिकारियों द्वारा सुनवाई न करने पर पीड़ित उपभोक्ता ने ऊर्जा निगम के उच्च अधिकारियों और मीडिया के सामने रखा।

ऊर्जा निगम के उच्चाधिकारियों को चाहिए पीवीवीएनएल के इन अक्षम कर्मचारियों को वह काम करने के लिए मजबूर किया जाए जिसके लिए उन्हें मेरे जैसे करदाताओं की जेब से पैसा दिया जा रहा है। यह बिल्कुल हास्यास्पद है, कि यहां शहर तक में गांवों में भी इससे ज्यादा बिजली किल्लत है। पीवीवीएनएल बुलंदशहर के अधिकारियों को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि वे बिल्कुल अक्षम और सबसे आलसी हैं।

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