बुलंदशहर में सपा के पूर्व सांसद कमलेश वाल्मीकि की संदिग्ध हालात में मौत
सपा के पूर्व सांसद कमलेश वाल्मीकि की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। उनका शव सोमवार शाम अपने घर के अंदर पड़ा मिला।
By Umesh TiwariEdited By: Updated: Tue, 28 May 2019 11:59 AM (IST)
बुलंदशहर, जेएनएन। सपा के पूर्व सांसद कमलेश वाल्मीकि की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। उनका शव सोमवार शाम अपने घर के अंदर पड़ा मिला। चेहरा नीला पड़ा था लेकिन शरीर पर चोट का कोई निशान नहीं है।
खुर्जा के मोहल्ला बुर्ज उस्मान निवासी कमलेश वाल्मीकि (54) वर्ष 2009 में सपा से सांसद रहे थे।परिजनों के अनुसार शनिवार को वह पत्नी सविता और 18 वर्षीय इकलौते पुत्र वासु को हापुड़ जिसे के पिलखुवा में स्थित ससुराल छोड़ने गए थे। वहां से लौटने के बाद वह करीब साढ़े दस बजे अपने घर चले गए। घर में परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं था। सोमवार शाम तक कमलेश वाल्मीकि बाहर नहीं निकले तो उनका भतीजा ललित और परिवार के सदस्य उनके घर पर पहुंचे। दोनों मुख्य दरवाजे अंदर से बंद थे। दरवाजा तोड़ा तो अंदर कमलेश का शव पड़ा था। परिजन कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन उन्हें जहर देने की आशंका जताई जा रही है।
इनका कहना है...घटनास्थल की वीडियोग्राफी कराई गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद की मौत की वजह स्पष्ट होगी। पुलिस कई बिंदुओं पर जांच भी कर रही है। -एन.कोलांचि, एसएसपी।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट खोलेगी पूर्व सांसद की मौत का राजपूर्व सांसद कमलेश वाल्मीकि की मौत का राज पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही खोलेगी। परिजन और अन्य लोग भी जहर से मौत होने की आशंका जता रहे हैं। कमलेश वाल्मीकि आठ भाई थे। दो भाइयों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में उनके सबसे बड़े भाई मुकेश, छोटे दिनेश, बृजेश, खन्ना और सुदेश भी कुछ ही दूरी पर रहते हैं। शनिवार को घर में पत्नी और पुत्र के मौजूद नहीं होने पर वह अकेले ही थे। उनके साथ किसी तरह की हाथापाई और अन्य किसी खींचतान के निशान भी नहीं थे। मुख्य दो दरवाजे भी अंदर से बंद थे और मकान में जाने का कोई अन्य रास्ता भी नहीं है। उनका चेहरा नीला पड़ा हुआ था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही पूर्व सांसद की मौत का राज खोल सकेगी।
कल्याण के आशीर्वाद से चमका था कमलेश का सियासी सितारापूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के आशीर्वाद से कमलेश वाल्मीकि वर्ष 2009 में बुलंदशहर लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर संसद में पहुंचे थे। हालांकि बाद में कल्याण सिंह भाजपा में चले गए, लेकिन कमलेश सपा में ही रहे। साल 2009 नाराज कल्याण सिंह ने मुलायम सिंह से राजनीतिक गठजोड़ कर लिया था। कल्याण ने कमलेश को बुलंदशहर लोकसभा सीट से टिकट दिला दिया। इसके बाद कल्याण ने अशोक प्रधान के सामने उन्हें जिताकर संसद भी भिजवाया। परिजनों का कहना है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कमलेश वाल्मीकि गठबंधन के टिकट पर बुलंदशहर से चुनाव लडऩा चाहते थे, लेकिन बुलंदशहर लोकसभा सीट बसपा के खाते में चली गई। मंगलवार को लखनऊ जाने के लिए उन्होंने रिजर्वेशन भी कराया था।लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।