क्या जिन्हें कोरोना हुआ, उनके लिए ज्यादा खतरनाक है वायरल बुखार? पढ़िए फिजीशियन ने क्या बताया
तीन-चार साल पहले जो लोग कोरोना की चपेट में आए थे। अब मौसमी बुखार उन मरीजों के लिए आफत बन गया है। खासकर वह मरीज ज्यादा परेशान हैं जिनका सीटी स्कोर 16 या उससे ऊपर था। बुखार के साथ-साथ खांसी-जुकाम और सांस फूलने की दिक्कत उभर रही है। इन मरीजों को ठीक होने में सामान्य मरीजों की तुलना में ज्यादा समय भी लग रहा है।
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। तीन-चार साल पहले जो लोग कोरोना की चपेट में आए थे। अब मौसमी बुखार उन मरीजों के लिए आफत बन गया है। खासकर वह मरीज ज्यादा परेशान हैं जिनका सीटी स्कोर 16 या उससे ऊपर था। बुखार के साथ-साथ खांसी-जुकाम और सांस फूलने की दिक्कत उभर रही है। इन मरीजों को ठीक होने में सामान्य मरीजों की तुलना में ज्यादा समय भी लग रहा है।
पिछले एक माह से शहर से देहात तक सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी में रोजाना वायरल मरीजों की भीड़ उमड़ रही है। इन मरीजों में ऐसे लोग भी आ रहे हैं जोकि तीन से चार साल पहले कोरोना की चपेट में आए थे। इसमें दस से 20 मरीज आए दिन पहुंच रहे हैं। इनमें से 50 प्रतिशत मरीज 40 से 45 साल तक की आयु वर्ग के हैं।
सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे 42 वर्षीय नौकरीपेशा संजय महीने भर से बलगम वाली खांसी और सांस लेने में दिक्कत से परेशान हैं। उन्होंने चिकित्सकों को बताया कि साढ़े तीन साल पहले वह कोरोना की चपेट में आए थे। इसी तरह 55 साल की रानी को भी साढ़े तीन साल पहले कोरोना हुआ था। वायरल की चपेट में आईं तो ठीक होने लगभग दो हफ्ते लग गए।
स्वास्थ्य विभाग के पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डा. रमित कुमार सिंह का कहना है कि सांस लेने में दिक्कत व सांस फूलने, लंबे समय तक बलगम के साथ खांसी वाले मरीजों की केस हिस्ट्री खंगाली जा रही है तो पता चल रहा है कि कोरोना की चपेट में आने वाले मरीजों को ज्यादा दिक्कत हो रही है।
फिजीशियन डा. मुदित गुप्ता का कहना है कि वायरल को देखते हुए सावधानी तो सभी को बरतने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। कोरोना संक्रमण से संघर्ष कर बाहर आए लोग खासकर अलर्ट रहें। ओपीडी में ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं, जिन्हें चेस्ट संबंधी दिक्कत वायरल होने के बाद हुई। इनमें युवा भी हैं। कोरोना से ठीक तो हो गए, लेकिन उनके फेफड़े को हुई क्षति का असर अभी भी बरकरार है। इसलिए परेशानी होने पर डाक्टर से जरूर मिलें।
इन बातों पर करें अमल
- धूल और भीड़ वाले स्थान पर मास्क जरूर लगाएं।
- सांस लेने में दिक्कत, फूलने पर अनदेखी न करें।
- बलगम संग खांसी लंबे समय से तो ठीक से इलाज कराएं।
- दवा लेते हैं तो उसे नियमित रूप से लें।
- प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं, नशे से दूर रहें।
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