प्रयागराज से लेकर हापुड़ तक फैला है नेटवर्क
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर चल रही है। सहारनपुर के देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकी पकड़े जाने के बाद पश्चिम यूपी में सर्तकता और बढ़ गई है।
By JagranEdited By: Updated: Mon, 25 Feb 2019 10:33 PM (IST)
बुलंदशहर: पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद से पूरे देश में खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर चल रही है। सहारनपुर के देवबंद से जैश-ए-मोहम्मद के दो संदिग्ध आतंकी पकड़े जाने के बाद पश्चिम यूपी में सर्तकता और बढ़ गई है। लेकिन जिले की पुलिस व एलआइयू की नाक के नीचे विदेशी नागरिकों को बात कराने के लिए चल रहे अवैध मिनी एक्सचेंज ने लापरवाही की पोल खोल दी है। हालांकि मिनी एक्सचेंज से पकड़े गए दोनों आरोपितों से पुलिस व स्थानीय खुफिया एजेंसी कुछ खास नहीं उगलवा पाई है, लेकिन एक बात साफ हो गई है कि पकड़े गए आरोपितों का नेटवर्क प्रयागराज से लेकर हापुड़ तक फैला हुआ है।
ऊपरकोट में अवैध रूप से पकड़े गए मिनी एक्सचेंज की घटना से अधिकारी सकते में आ गए हैं, क्योंकि पकड़े गए आरोपितों से पुलिस ने 125 सिम कार्ड बरामद किए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि आरोपितों पर विभिन्न कंपनियों के इतने सारे सिम कार्ड कहां से आए और वे किन लोगों की आइडी पर थे? इसकी जांच में पुलिस व स्थानीय खुफिया विभाग को जानकारी करने में पसीना छूट सकता है, क्योंकि इन्हीं सिम कार्डों के माध्यम से आरोपितों ने पाकिस्तान से लेकर कश्मीर में बैठे लोगों की बातें यहां के लोगों से कराई है। सवाल यह भी है क्या विदेश में बैठे किसी आतंकी संगठन ने पकड़े गए आरोपितों को एक्सचेंज चलाने की ट्रे¨नग तो नहीं दी थी? ऐसे कई सवाल के जवाब पुलिस व स्थानीय खुफिया विभाग को अभी तलाशने है, क्योंकि अभी मुख्य आरोपित इमरान अंसारी पुत्र मुख्तार अंसारी निवासी सादात मोहल्ला ऊपरकोट पुलिस की गिरफ्तार से फरार है। हालांकि दोनों आरोपितों से पूछताछ के बाद पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि आरोपितों का नेटवर्क जनपद प्रयागराज, मुरादाबाद व हापुड़ जिले में फैला हुआ है। आइएसआइ एजेंटों को गतिविधियों में शामिल है बुलंदशहर बुलंदशहर जिले का आतंकी गतिविधियों से पुराना संबंध रहा है। वर्ष 2004 में दिल्ली की क्राइम ब्रांच ने सिकंदराबाद से आतंकी गतिविधियों में लिप्त दो आतंकियों को पकड़ा था। इसके बाद एसटीएफ की मदद से देहात कोतवाली पुलिस ने सेना की गोपनीय सूचना आइएसआइ को देने के आरोप 26 अक्टूबर को खुर्जा कोतवाली के मोहल्ला तरीनान किला कोना निवासी मोहम्मद जाहिद को गिरफ्तार किया था, जिसके पास से सेना से जुड़े दस्तावेज मिले थे। 17 जनवरी को देहात कोतवाली के कलौली गांव में एनआइए ने छापेमारी की थी, जहां से एनआइए सऊदी अरब से लौट कर आए हबीब (45) पुत्र मोहम्मद उमर को पूछताछ के लिए दिल्ली मुख्यालय ले गई थी। हबीब को सऊदी निवासी एक व्यक्ति ने छह हजार रुपये और मोबाइल फोन दिए थे, जो पश्चिमी यूपी में किसी को देना था। गुरुवार को देवबंद से गिरफ्तार दो आतंकियों की गिरफ्तारी ने एनआइए की पूर्व में हुई छापेमारी पर अब मोहर लगा दी है कि वेस्ट यूपी में अभी कई स्पी¨लग माड्यूल्स रह रहे है, जो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर काम कर रहे हैँ। अब ऊपरकोट में अवैध रुप से चल रहे मिनी एक्सचेंज की घटना ने एक बार फिर से स्थानीय पुलिस व खुफिया विभाग को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।