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UP News: दीवाली तक आसमान हो सकता है धुंआ-धुंआ! यहां दिन ढलते ही शुरू हो जाता है पराली जलाने का सिलसिला

धान की पराली जलाने से होने वाले प्रदूषण से ऊंचागांव और जहांगीराबाद क्षेत्र के लोग परेशान हैं। दिन ढलते ही पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है जिससे निकलने वाले धुएं से हवा दूषित हो रही है। इससे लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। अधिकारियों की अपील के बाद भी पराली जलाने का सिलसिला जारी है।

By Sunder Singh Rana Edited By: Aysha Sheikh Updated: Wed, 02 Oct 2024 01:49 PM (IST)
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दिन ढलते ही शुरू हो जाता है पराली जलाने का सिलसिला - प्रतीकात्मक तस्वीर।

संवाद सूत्र, ऊंचागांव। जहांगीराबाद और ऊंचागांव क्षेत्र में दिन ढलते ही धान की पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। जलाई जा रही परली से निकलने वाले धुंआ के कारण हवा दूषित होती जा रही है। जिसको लेकर लोगों को दूषित हवा में सांस लेने में परेशानी हो रही है। देहात में दिन निकालने पर पराली जलाने से होने वाले धुंआ के कारण कोहरा जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

जिले से लेकर गांव तक धान की पराली न जलने को लेकर अधिकारियों ने लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया। जिसमें अधिकारियों ने पराली जलाने से होने वाले नुकसान से भी किसानों को अवगत कराया। इसके बाद भी अगर कोई किसान धान की पराली जलते हुए पकड़ा गया तो उसके लिए होने वाली कार्यवाही से भी अवगत कराया गया।

अधिकारियों की अपील करने के बाद भी देहात में दिन ढलते ही पराली जलाने का सिलसिला शुरू हो जाता है जिससे उठने वाले धुएं के कारण गांव में निवास कर रहे लोगों का सांस लेना दूबर हो जाता है। सबसे अधिक परेशानी बीमार लोगों को हो रही है। दिन ढलते ही ऊंचागांव और जहांगीराबाद क्षेत्र में सड़क किनारे धान की पराली जलने से उठने वाले धुएं को आसानी से देखा जा सकता है। सड़क किनारे स्थित खेतों में धान की पराली बेखौफ होकर जलाई जा रही है। अधिकारी लगातार जलाई जा रही परली से अंजान बने बैठे हैं।

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