सर्दी में हार्ट अटैक का खतरा, बीपी के मरीजों को खाना चाहिए ये फल; मूंग की दाल और चुकंदर के रस से भी होगा फायदा
चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के मौसम में बीपी ऊपर-नीचे होता रहता है। रक्त सप्लाई के लिए दिल पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। आर्टरीज और हृदय पर अधिक दबाव के कारण बीपी हाई हो जाता है। इसके अधिक बढ़ने पर दिल का दौरा पड़ जाता है। यही हाल हृदय रोग के मरीजों का होता है। सर्दी में नसें सिकुड़ कर सख्त हो जाती हैं।
By Jagmohan SharmaEdited By: Shivam YadavUpdated: Sat, 09 Dec 2023 05:21 PM (IST)
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। मौसम का मिजाज बदल रहा है। तापमान में गिरावट के साथ ठंड बढ़ रही है और गलन भी महसूस होने लगी है। ऐसा मौसम हार्ट और बीपी के मरीजों के लिए खतरनाक है।
बीमारी बिगड़े या लापरवाही हो जाए तो हार्ट अटैक तक हो सकता है। इसलिए मरीज इस मौसम में खास सावधानी बरतें। हार्ट और बीपी के मरीज जिला अस्पताल से निजी अस्पतालों तक पहुंच रहे हैं।
डॉक्टरों की राय
चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के मौसम में बीपी ऊपर-नीचे होता रहता है। रक्त सप्लाई के लिए दिल पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। आर्टरीज और हृदय पर अधिक दबाव के कारण बीपी हाई हो जाता है। इसके अधिक बढ़ने पर दिल का दौरा पड़ जाता है।यही हाल हृदय रोग के मरीजों का होता है। सर्दी में नसें सिकुड़ कर सख्त हो जाती हैं। ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। लेकिन, फ्लो बढ़ने पर बीपी भी बढ़ जाता है। इससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
मूंग की दाल, चुकंदर का रस से फायदा
फिजिशियन डाॅ. राहुल भारद्वाज का कहना है कि दिल के मरीज पर्याप्त पानी पिएं। जब भी मौका मिले एक गिलास पानी पी लें। हल्की कसरत बहुत जरूरी है। सांस लेने में तकलीफ होने, सीने में दर्द या भारीपन होने पर कसरत नहीं करनी चाहिए। मूंग की दाल, चुकंदर का रस, टमाटर और अनार का जूस पीने से फायदा होता है। बीपी के मरीज एक सेब रोज खाएं। बीपी कंट्रोल करने के लिए केला बहुत जरूरी है।इसके अलावा कीवी, संतरा, तरबूज बीपी को संतुलित बनाए रखेगा। काफी, चाय, चावल, दूध, दही, शराब और धूम्रपान का प्रयोग नहीं करना है। रोज तीन से चार लीटर सादा पानी पीते रहना सबसे ज्यादा जरूरी है।
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