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जेल में मृदु व्यवहार बन सकता है समय पूर्व रिहाई का आधार: सचिव

बुलंदशहर जेएनएन। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुमन तिवारी ने कहा कि कारागार या र

By JagranEdited By: Updated: Sat, 01 Jan 2022 07:46 PM (IST)
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जेल में मृदु व्यवहार बन सकता है समय पूर्व रिहाई का आधार: सचिव

बुलंदशहर, जेएनएन। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव सुमन तिवारी ने कहा कि कारागार या राजकीय संप्रेक्षण गृह बंदियों एवं बाल उपचारियों के सुधार गृह हैं। यहां उनका मृदु व्यवहार उनकी रिहाई का आधार बन सकता है। इसलिए उन्हें जेल या बाल संप्रेक्षण गृह में अच्छा व्यवहार करना चाहिए। यहां से निकलकर नए तरीके से जीवन की शुरुआत करनी चाहिए।

नववर्ष पर जिला कारागार एवं राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह में विधिक साक्षरता शिविर में उन्होंने ये बातें कही। इस दौरान उन्होंने न केवल बंदियों एवं बाल अपचारियों को मुफ्त कानूनी सहायता प्राप्त करने की जानकारी दी गई। विभिन्न कानून और न्यायिक घोषणाओं के तहत उपलब्ध अन्य अधिकारों के बारे में बताया गया। सजायाफ्ता कैदियों को छूट, परिवीक्षा, दया याचिका, गंभीर रूप से बीमार होने आदि के आधार पर मिलने वाले कानूनी उपचार की जानकारी देकर जेल में अच्छा व्यवहार बनाए रखने के लिए भी प्रेरित किया। ताकि समय पूर्व उनकी रिहाई हो सके। इसके लिए किस तरह अपील की जाएगी, यह भी बताया। इसके अलावा निर्धारित मापदंड के अनुसार समय से पहले रिहाई के लिए पात्र कैदियों की रिहाई कराने की कार्रवाई करने के निर्देश जेल अधीक्षक मिजाजी लाल को भी दिए।

वैवाहिक प्री-लिटिगेशन वादों को लोक अदालत में कराएं निस्तारित

शिविर में सचिव ने वैवाहिक प्री-लिटिगेशन वादों को आपसी सुलह-समझौते के आधार पर निस्तारण के लिए 22 जनवरी को प्रस्तावित लोक अदालत की जानकारी भी दी। जिनके निस्तारण के वादकारियों से पीएलवी, डाक, सीएससी के माध्यम से आवेदन आमंत्रित किए। इसके अलावा न्यायालय परिसर स्थित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में जमा करने के लिए कहा गया। ताकि दूसरे पक्ष को समय से नोटिस भेजा जा सके और लोक अदालत में वादों का निस्तारण हो सके।

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