Move to Jagran APP

गोआश्रय स्थल के गोवंशी ने बदल दी किसानों की तकदीर

कृषि प्रधान जिले में हुनर की कमी नहीं है। दोआब की जमीन पर युवा कुछ अलग करने की ललक में भविष्य तराश रहे हैं। दानपुर ब्लाक के गांव अकरबास निवासी युवा ने ऐसे गोवंशी से दूध का व्यापार शुरू किया जिसे किसानों ने जरूरत न होने पर छोड़ दिया था। बेसहारा गोवंशी ने इस युवा की तकदीर बदल दी और आज वह रोजाना 40 से 50 लीटर दूग्ध की आपूर्ति डेयरी पर कर रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Sat, 15 Jan 2022 08:26 PM (IST)
Hero Image
गोआश्रय स्थल के गोवंशी ने बदल दी किसानों की तकदीर

प्रदीप भारद्वाज, दानपुर : कृषि प्रधान जिले में हुनर की कमी नहीं है। दोआब की जमीन पर युवा कुछ अलग करने की ललक में भविष्य तराश रहे हैं। दानपुर ब्लाक के गांव अकरबास निवासी युवा ने ऐसे गोवंशी से दूध का व्यापार शुरू किया, जिसे किसानों ने जरूरत न होने पर छोड़ दिया था। बेसहारा गोवंशी ने इस युवा की तकदीर बदल दी और आज वह रोजाना 40 से 50 लीटर दूग्ध की आपूर्ति डेयरी पर कर रहा है।

अकरबास गांव निवासी सोनू को गोवंशी की सेवा करना पसंद है और बेसहारा पशुओं का उपचार करना तथा देखभाल करना अपना धर्म समझते हैं। इन्होंने दानपुर स्थित गोआश्रय स्थल से शुरू में एक गोवंशी पालन के लिए लिया और उपचार कर उसे दूध देने लायक बनाया। इसके साथ ही अन्य तीन गोवंशी को भी घर लेकर आए और अपनी थोड़ी सी जमीन में चारा उगाकर चारों गोवंशी की देखभाल में जुट गए। मात्र एक वर्ष में सोनू 20-25 लीटर दुग्ध इन्हीं गोवंशी से पाने लगा।

...

अन्य किसानों के लिए बने आदर्श

गांव के ही धर्मपाल, रामफल और तेजवीर सहित अन्य किसान भी बेसहारा गोवंश को गोद लेकर उनके पालन-पोषण में जुट गए हैं। अनुपयोगी गोवंश का उपचार कराकर उनका गर्भाधान कराना और पेटभर चारा देकर उनकी सेहत को मजबूत करने में जुटे हैं। इनमें से कुछ गोवंशी दुग्ध उत्पादन भी करने लगे हैं।

...

क्या कहते हैं सोनू

गोवंशी की सेवा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। गोवंशी को पालने के लिए सरकार से कोई मदद भी हमने नहीं ली है और न ही लेंगे। हालांकि सरकार 900 रुपये प्रति माह प्रत्येक गोवंश पर सहायता दी जा रही है लेकिन बेसहारा गोवंशी हमारे लिए आमदनी का भी जरिया बन चुकी है इसे हम इनका आशीर्वाद ही समझते हैं।

...

इन्होंने कहा..

युवा किसान सोनू कुमार उच्च सोच के धनी व्यक्ति हैं, उन्होंने मोहम्मदपुर गांव की गौशाला से गाय लेने का आग्रह किया था। इस पर उन्हें गाय दे दी गई, उनसे प्रेरित होकर कई किसान गाय ले जा चुके हैं। अच्छा है लोगों की सोच बदल रही है, यदि बेरोजगार लोग गायों के प्रति रूचि रखे, तो गायों की दुर्दशा में सुधार होगा, और उन्हें भी रोजगार के साधन प्राप्त होंगे।

डा. सतेंद्र कुमार पशु चिकित्साधिकारी ब्लाक दानपुर

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।