Move to Jagran APP

UPSC Success Story: कच्चा मकान पर इरादा फाैलाद जैसा, किसान के बेटे पवन ने कम संसाधनों में पास की देश की सबसे बड़ी परीक्षा

UPSC Success Story Of Pawan Kumar मेहनत और लगन के साथ ही कम संसाधनों से पवन ने सफलता का मुकाम हासिल किया। मोबाइल पर ऑनलाइन कोचिंग लेकर उन्होंने देश की सबसे बड़ी परीक्षा को पास किया। पवन की कामयाबी से गांव और परिवार में हर्ष का माहौल है। आसपास के लोग पवन के घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।

By Sunder Singh Rana Edited By: Abhishek Saxena Updated: Wed, 17 Apr 2024 05:57 PM (IST)
Hero Image
किसान के बेटे ने यूपीएससी में 239वी रैंक हासिल कर जनपद का नाम भी रोशन कर दिखा दिया है।
संवाद सूत्र, जागरण ऊंचागांव। क्षेत्र के गांव रघुनाथपुर निवासी एक किसान के बेटे ने यूपीएससी में 239वी रैंक हासिल कर गांव का ही नहीं जनपद का नाम भी रोशन कर दिखा दिया है। क्षेत्र के गांव रघुनाथपुर निवासी मुकेश कुमार के पुत्र पवन कुमार ने यूपीएससी में 239वीं रैंक हासिल की है। पवन के स्वजन और ग्रामीणों ने पवन की कामयाबी पर खुशी का इजहार करते हुए उसे बधाई दी है।

अपने परिवार को दिया सफलता का श्रेय

मंगलवार को घोषित हुए यूपीएससी-2024 की परीक्षा परिणाम में क्षेत्र के गांव रघुनाथपुर निवासी पवन कुमार ने 239वीं रैंक प्राप्त की है। पवन ने अपनी इस कामयाबी पर अपने माता-पिता और बहनों का इसका श्रेय दिया है। पवन के पिता मुकेश कुमार गांव में एक किसान है और माता सुमन देवी गृहणी है। जिसकी चार बहनें हैं। सबसे बड़ी बहन गोल्डी बीए की परीक्षा के बाद एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ती है। दूसरी बहन सृष्टि जो वर्तमान में बीए की परीक्षा दे रही है। सबसे छोटी बहन सोनिया कक्षा 12 की पढ़ाई कर रही है।

ये भी पढ़ेंः मैनपुरी में मायावती ने नामांकन से पहले पहली अपनी रणनीति, डिंपल और जयवीर सिंह के खिलाफ चला ऐसा दांव जो...कल नामांकन करेंगे उम्मीदवार

नवोदय विद्यालय से इंटर किया था पास

पवन के पिता मुकेश कुमार ने बताया कि पवन 2017 में नवोदय विद्यालय से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की थी। इसके बाद इलाहाबाद से बीए की परीक्षा पास की थी। बाद में दिल्ली एक कोचिंग सेंटर में सिविल सर्विस की तैयारी शुरू कर दी। कुछ विषयों की कोचिंग के साथ-साथ वेबसाइट की मदद ली। दो वर्ष कोचिंग के बाद अधिकतर समय अपने आवास पर अध्ययन करते रहे।

ये भी पढ़ेंः UP News: संभल पुलिस की नई पहल; 'कोई गड़बड़ी नहीं करेंगे...' कोतवाली पहुंचकर हिस्ट्रीशीटरों ने खाई कसम

पवन कुमार ने बताया कि दो बार परीक्षा में असफल होने के बाद तीसरी बार के प्रयास में उन्हें यह सफलता मिली है। 

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।