UP Roadways: 11 लाख की आबादी को मिल सकेगी परिवहन सेवा, चकिया-चंदौली मार्ग पर चलेंगी 14 नई बसें; होगी सुविधा
चकिया-चंदौली मार्ग पर यात्रियों को अब निजी वाहनों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। परिवहन निगम मुख्यालय से 14 नई बसें डिपो को मिलने जा रही हैं जो उन मार्गों पर चलाई जाएंगी जहां अभी तक परिवहन निगम की बसें नहीं चलती हैं। इन नई बसों के संचालन से लगभग 11 लाख की आबादी को परिवहन निगम की सेवा का लाभ मिलेगा।
जागरण संवाददाता, चंदौली। ग्रामीण क्षेत्र के मुख्य मार्गों पर यात्रा के लिए लोगों को प्राइवेट वाहनों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। जी हां, परिवहन निगम मुख्यालय से 14 नई बसें डिपो को मिलेंगी। यह बसें उन मार्गों पर चलाई जाएंगी, जिन परिवहन निगम की बस नहीं संचालित होती है। निगम ने मार्गों को चिह्नित कर लिया है।
एआरएम का कहना है कि किराया निर्धारण किया जा रहा है। डिपो में बसों की संख्या बढ़कर 133 हो जाएगी। अभी तक 119 बसें संचालित हो रही हैं। नई बसों के संचालन से निगम की आय में वृद्धि हो जाएगी। डग्गामारी थमने के साथ ही यात्रियों का आवागमन सुलभ होगा।
नई बसों के संचालन से 11 लाख की आबादी को मिलेगी सुविधा
जिला सृजन के वर्षों बाद भी चकिया-चंदौली मार्ग पर रोडवेज बस सेवा मयस्सर नहीं हो सकी है। ऐसे में डग्गामार वाहन ही यात्रा का सहारा हैं। हालांकि नई बसों के संचालन से लगभग 11 लाख की आबादी को परिवहन निगम की सेवा मिल सकेगी।चकिया तहसील मुख्यालय से विभिन्न सड़कों पर आधा दर्जन रोडवेज की गाड़ियां रफ्तार भर रहीं हैं। चकिया-चंदौली, चकिया-अहरौरा, जमानिया-सैयदराजा, चहनियां-चंदौली व लेवा-इलिया मार्ग पर निजी सवारी वाहन ही चलते हैं।
आलीशान बस स्टैंड लेकिन रोडवेज बसों की संख्या नगण्य
रोडवेज बसों की कमी और निजी वाहनों की मनमानी का खामियाजा स्थानीय यात्रियों को भुगतना पड़ रहा। तहसील मुख्यालय पर राज्य सड़क परिवहन विभाग का आलीशान बस स्टैंड है लेकिन रोडवेज बसों की संख्या नगण्य है। रोडवेज की एक बस गंतव्य को चली गई तो दूसरी के लिए घंटों इंतजाम करना पड़ता है।यह भी पढ़ें- लखनऊ-कानपुर और आगरा समेत 24 औद्योगिक क्षेत्रों का कायाकल्प करेगा यूपीसीडा, FDR तकनीक से बनेंगी सड़कें
विडंबना यह कि यात्रियों को चंदौली, सोनभद्र, मीरजापुर जाने के लिए यहां रोजवेस बस नहीं मिलती। बस स्टैंड से जिला मुख्यालय जाने को चंदौली-चकिया मार्ग पर बसों के संचालन की व्यवस्था नहीं है। हालांकि वाराणसी, पीडीडीयू नगर, सैयदराजा, चकिया आदि स्थानों पर जाने के लिए बसों का संचालन होता है। गिनी-चुनी बसें चलाई जाने से अधिकांश यात्री निजी वाहनों से सफर करने को विवश हैं।विभागीय उपेक्षा का आलम यह कि रोडवेज बस डिपो में एक भी कर्मचारी नियुक्त नहीं है। निगम के अधिकारियों का दावा है कि जनपद में डिपो के निर्माण के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के सभी मुख्य मार्गों पर बस संचालित की जाएगी।
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