45 हजार छात्रों का नहीं हो सका आधार सत्यापन, इस बार समय से मिल जाएगी ड्रेस, जूता-मोजा व बैग की राशि
जनपद में संचालित 1185 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 2.36 लाख छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इसमें से 1.91 लाख छात्रों का आधार सत्यापन पूरा हो गया है। शेष 45 हजार छात्र-छात्राओं के सत्यापन का काम भी जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
By Jagran NewsEdited By: Nitesh SrivastavaUpdated: Wed, 10 May 2023 01:53 PM (IST)
जागरण संवाददाता, चंदौली : परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों व उनके अभिभावकों के लिए अच्छी खबर है। शासन इस बार छात्रों को डीबीटी के जरिए उनके अभिभावकों के खातों में ड्रेस, जूता-मोजा व बैग आदि की धनराशि शीघ्र ही भेजने की योजना बना रहा है। इसके लिए छात्रों के आधार सत्यापन का काम तेज हो गया है।
जनपद में संचालित 1185 परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले 2.36 लाख छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इसमें से 1.91 लाख छात्रों का आधार सत्यापन पूरा हो गया है। शेष 45 हजार छात्र-छात्राओं के सत्यापन का काम भी जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
शासन की तरफ से विभाग को सख्त निर्देश दिया गया था कि अप्रैल महीने के समाप्त होने से पहले सत्यापन का कार्य पूरा कर इसकी रिपोर्ट समय से उपलब्ध कराई जाए, ताकि डीबीटी के जरिए मिलने वाला बारह सौ रुपया छात्रों के अभिभावकों के खातों में भेज दिया जाए।
विभाग का मानना है कि अभिभावकों की सुस्ती के कारण लगभग 19 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के आधार का सत्यापन नहीं हो पाया है। बार-बार कहने के बाद भी अभिभावक छात्रों का आधार नहीं बनवा रहे हैं।
पहले डीबीटी के जरिए मिलने वाली धनराशि में महीनों लग जाते थे। इसके चलते अभिभावक अपने बच्चों को समय से ड्रेस, जूता, मोजा, बैग नहीं खरीद पाते थे।
धानापुर
ब्लाक के परिषदीय विद्यालयों में 80 प्रतिशत छात्रों के आधार का सत्यापन हो गया है। 27 ऐसे छात्र हैं जिनका आधार बना ही नही। उनके अभिभावकों से संपर्क कर आधार बनाए जाने के लिए कहा जा रहा है। बाकी छात्रों के सत्यापन का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है।
धानापुर बीआरसी में तकनीकी कारणों के चलते आधार बनाए जाने का काम प्रभावित है, जिसके लिए उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।इस संबंध में बीईओ अवधेश नारायण सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश के अनुसार डीबीटी के जरिए खातों में धनराशि भेजने के लिए आधार सत्यापन का कार्य 80 प्रतिशत पूरा हो चुका है।
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