UPPCL: दीवाली से पहले विद्युत विभाग की ताबड़तोड़ कार्रवाई, काटे 26 कनेक्शन; वसूला 1.55 लाख रुपये जुर्माना
चंदौली के विद्युत विभाग ने बकाया वसूली के लिए अभियान चलाया और एक लाख 55 हजार रुपये का राजस्व एकत्र किया। इस दौरान 68 उपभोक्ताओं के कनेक्शन की जांच की गई और 26 बकायेदारों की बिजली काट दी गई। अभियान में घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को बकाया जमा करने के लिए प्रेरित किया गया। यह अभियान उपखंड अधिकारी संतोष सिंह अवर अभियंता मनोज कुमार विश्वकर्मा के नेतृत्व में हुआ।
संवाद सूत्र, जागरण, चकिया (चंदौली) : विद्युत विभाग ने रविवार को नगर के विभिन्न वार्डों सहित ग्रामीण अंचल में बिजली के बकायेदारों ने राजस्व वसूली अभियान चलाया। लगभग 68 विद्युत उपभोक्ताओं का कनेक्शन की जांच की गई। साथ ही 26 बकायेदारों के घर की बिजली गुल कर दी। इस दौरान विभाग ने एक लाख 55 हजार रुपए का राजस्व वसूला।
उपखंड अधिकारी संतोष सिंह, अवर अभियंता मनोज कुमार विश्वकर्मा के नेतृत्व में घरेलू व कामर्शियल विद्युत उपभोक्ताओं के कनेक्शन स्थल पहुंचकर उनसे बकाए की धनराशि को जमा करने को प्रेरित किया। कनेक्शन चेक कर बड़े बकायेदारों को चिह्नित किया और उनकी बिजली काट दी गई। वहीं अन्य विद्युत उपभोक्ताओं से राजस्व की धनराशि वसूल की गई।
नगर के निर्भयदास वार्ड नंबर पांच मां काली नगर सहदुल्लापुर सहित अन्य वार्डों और ग्रामीण क्षेत्र के उतरौत, सैदुपुर, मुसाखाड़, गरला और जागेश्वरनाथ विद्युत उपकेंद्र के सिकंदरपुर, शिकारगंज, बैरी, अमरा दक्षिणी फीडर के अंतर्गत विभिन्न गांव में जाकर चट्टी बाजारों में बिजली बिल वसूली के लिए अभियान चलाया गया। अभियान में बाबू सरवन कुमार, अनिल यादव, बृजेश सिंह, ओम प्रकाश, संतोष भारती, निरंजन खरवार, संतोष मौर्य, रोहित विश्वकर्मा आदि उपस्थित थे।
बांध से घिरे गांवों में बिजली व पानी ठप, स्वास्थ्य सेवाएं नदारत
वाद सूत्र, जागरण नौगढ़ (चंदौली) : विकास क्षेत्र के चार गांव होरिला, धोबही, सेमर व साधोपुर चारों तरफ से बांध व नदियों से घिरे हैं। जिसका परिणाम है कि यहां बिजली की सुविधा तो है, लेकिन इन दिनों गांवों में पानी जमा होने के कारण ग्रामीणों की बत्ती गुल है। वहीं एकमात्र चापाकल होने का परिणाम है कि पानी के लिए हर दिन जद्दोजहद करना पड़ता है। नदी व चुआड़ के पानी से ग्रामीण प्यास बुझाने के साथ अन्य कार्य करते हैं। स्वास्थ सुविधा भी नदारत है।बारिश के दौरान चार माह तक ग्रामीणों का संपर्क बाहरी दुनिया से कट जाता है। कहीं बाहर नहीं जा पाते हैं। गांव के चारों तरफ नदी व बांध का पानी फैल जाता है। मजबूरी में जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ता है। ग्रामीणों के पास नाव नहीं है, लेकिन ट्रक निकले हुए ट्यूब का जुगाड़ से नाव बनाकर तहसील मुख्यालय व कस्बा, बाजार में आते हैं।अगर किसी की तबियत ज्यादा खराब हो जाती है तो लोग जुगाड़ू नाव पर ही लेकर आवागमन करते हैं। बांध के पानी से घिरे रहने के बावजूद भी चिकित्सा सेवा उपलब्ध नहीं है। यही नहीं बच्चे भी घुटने तक पानी से होकर प्राथमिक विद्यालय सेमर साधोपुर पहुंचते हैं। इनके साथ अभिभावक भी जाते हैं। आजादी के 75 साल बाद भी इन गांवों में सड़क नहीं है।
इसे भी पढ़ें: यूपी विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस के इस बागी ने बढ़ाई सपा की टेंशन! असमंजस में पार्टी कार्यकर्ता
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।