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Chandauli Lok Sabha Result 2024: 21565 मतों से जीते वीरेंद्र सिंह, हैट्रिक से चूके डॉ महेंद्र पाण्डेय

Chandauli Lok Sabha Result 2024 केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय 21565 वोटों के अंतर से हैटट्रिक से चूक गए। उन्हें 452911 मत मिले। वह इस सीट पर दो बार लगातार सांसद निर्वाचित हुए थे और केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल रहे। वहीं बसपा प्रत्याशी सत्येंद्र कुमार मौर्य 1.60 लाख मत पाकर तीसरे नंबर पर रहे। वहीं वीरेंद्र की जीत से समर्थक व आइएनडीआइए के कार्यकर्ता गदगद नजर आए।

By Jagran News Edited By: Abhishek Saxena Updated: Tue, 04 Jun 2024 01:05 PM (IST)
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Lok Sabha Election 2024: 21565 मतों से जीते वीरेंद्र सिंह
जागरण संवाददाता, चंदौली। इस बार चंदौली लोकसभा सीट पर मतगणना का परिणाम आने के बाद तीसरी बार यहां सपा ने जीत दर्ज की। साइकिल पर सवार वीरेंद्र सिंह 4,74,476 मत पाकर विजयी रहे। वर्ष 1998 के बाद 2014 में खिला कमल इस बार फिर मुरझा गया।

इसी के साथ केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय 21,565 वोटों के अंतर से हैट्रिक से चूक गए। उन्हें 4,52,911 मत मिले। वह इस सीट पर दो बार लगातार सांसद निर्वाचित हुए थे और केंद्रीय मंत्रीमंडल में शामिल रहे। वहीं बसपा प्रत्याशी सत्येंद्र कुमार मौर्य 1.60 लाख मत पाकर तीसरे नंबर पर रहे। वहीं वीरेंद्र की जीत से समर्थक व आइएनडीआइए के कार्यकर्ता गदगद नजर आए।

नवीन मंडी स्थल पर मंगलवार की सुबह आठ बजे चाक-चौबंद व्यवस्था के बीच मतगणना शुरू कराई गई। इसके लिए मुगलसराय विस क्षेत्र की 30 व सकलडीहा और सैयदराजा विधानसभा की मतगणना 26–26 चक्रों में हुई। प्रत्येक के लिए 14-14 टेबल लगाए गए थे।

मतगणना कक्ष व बाहर अर्द्ध सैनिक बल के जवान तैनात रहे। पोस्टल बैलेट व डाक मत पत्र ईटीपीबीएस (सर्विस वोटर्स) की गिनती आरओ हाल में कराई गई। स्कैनिंग के बाद पहले ईटीपीबीएस मतों की गणना की गई। शुरुआत में बैलट पोस्टल की गणना में ही वीरेंद्र, भाजपा प्रत्याशी से आगे रहे।

मुगलसराय, सैयदराजा व सकलडीहा विधानसभा क्षेत्र के मतदेय स्थलों की ईवीएम से यहां जबकि शिवपुर व अजगरा की मतगणना वाराणसी में कराई गई। मतगणना के दौरान मतों का रोचक अंतर सभी को अचंभित कर दे रहा था। शाम पांच बजे तक मतगणना की प्रक्रिया पूरी करा ली गई।

आयोग की वेबसाइड पर लोग जानते रहे परिणाम

नवीन मंडी स्थल पर 304 कार्मिक ईवीएम काउंटिंग व 72 कार्मिक पोस्टल बैलेट की गिनती के लिए लगाए गए थे। सभी कार्मिक सुबह छह बजे ही नवीन मंडी में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दिए थे। मतगणना स्थल की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया गया था। मतगणना के रुझान व परिणाम के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था रही। आम लोग भी आयोग की वेबसाइड पर परिणाम जानते रहे। यही नहीं लोग टीवी पर भी नजरें गड़ाए रहे।

आरओ ने वीरेंद्र को दिया जीत का प्रमाण-पत्र

मतगणना की समाप्ति के बाद नवनिर्वाचित सांसद वीरेंद्र सिंह ने विधायक प्रभुनारायण सिंह, पूर्व मंत्री सुरेंद्र पटेल, पूर्व सांसद कैलाशनाथ यादव व जिलाध्यक्ष सत्यनारायण राजभर के साथ मतगणना स्थल नवीन मंडी पहुंचकर जिलाधिकारी व रिटर्निंग आफिसर निखिल टी. फुंडे से जीत का प्रमाण-पत्र लिया। इस दौरान प्रेक्षक बी. सिंधु, सीडीओ एसएन श्रीवास्तव, एडीएम अभय कुमार पांडेय आदि अधिकारी उपस्थित थे।

यह है वीरेंद्र सिंह का सियासी सफर

वीरेंद्र सिंह को पहला चुनावी टिकट 1993 में चिरईगांव विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मिला, लेकिन जीत नहीं मिल पाई। इसके बाद वर्ष 1996 में वह राजनीतिक विश्लेषकों की सभी भविष्यवाणियों को झुठलाते हुए कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में विजयी हुए।

राजनीतिक संकट के कारण यूपी विधानसभा निलंबित हो गई थी, यही वह समय था जब वीरेंद्र सिंह को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। क्षेत्र के विकास और उत्थान के लिए समर्पित होकर, वे उत्तर प्रदेश की तत्कालीन बसपा की सत्तारूढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल हुए। इस प्रकार कांग्रेस से नाता टूट गया। बाद में वर्ष 2000 में, उन्होंने लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी की स्थापना की और एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव में खड़े हुए।

हालांकि वह अपनी सीट नहीं बचा सके, लेकिन बाद में तत्कालीन विधायक रामजीत राजभर के आकस्मिक निधन के कारण उन्होंने उप-चुनाव में बसपा के टिकट पर जीत हासिल की।

उन्होंने अपने क्षेत्र में उत्थान लाने के नजरिये से समाजवादी पार्टी की सदस्यता ले ली और प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बन गये। लेकिन कांग्रेस पार्टी से गहरे लगाव ने उन्हें साल 2009 में एक बार फिर कांग्रेस में शामिल कर लिया। वह सपा की सक्रिय राजनीति में आ गए। सरकार बनने पर कैबिनेट मंत्री के रूप में वीरेंद्र सिंह कई मंत्रालयों कृषि, ऊर्जा, परिवहन, संस्कृति, वाणिज्य और उद्योग संभाला।

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