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Railway News: साजिशकर्ताओं के मंसूबों पर फेरेगा पानी, यात्री ट्रेनों की फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था

Railway News रेलवे ने यात्री ट्रेनों की सुरक्षा के लिए फुलप्रूफ इंतजाम किए हैं। हर दो किलोमीटर पर आरपीएफ जवानों की तैनाती है और छह किलोमीटर पर गैंगमैन तैनात हैं। रोजाना करीब डेढ़ हजार किलोमीटर की फुट पेट्रोलिंग होती है और कंट्रोल रूम से निगरानी रखी जाती है। फ्रेट कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Updated: Fri, 04 Oct 2024 04:11 PM (IST)
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रेलवे ने सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार किया है। जागरण
विवेक दुबे, जागरण संवाददाता, चंदौली। रेल लाइन के हर दो किमी पर आरपीएफ जवान व छह किमी पर गैंग मैन की तैनाती। लगभग डेढ़ हजार किमी की रोजाना होती फुट पेट्रोलिंग, कंट्रोल रूम से निगरानी। रेल व यात्री ट्रेनों को नुकसान पहुंचाने के साजिशकर्ताओं के खिलाफ रेलवे ने फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार किया है।

रेलवे ट्रैक के हर दो किमी पर आरपीएफ जवानों की निगरानी है तो पटरियों, स्लीपर व गिट्टियों को देखने के लिए पांच से छह किमी पर गैंग मैन की तैनाती है। पीडीडीयू मंडल में लगभग डेढ़ हजार किमी मीटर की ट्रैक है। इस पर रोजाना फुट पेट्रोलिंग होती है।

पेट्रोलिंग टीम सीधे कंट्रोल रूम को रिपोर्ट करता है। इसमें मौसम के आधार पर ड्यूटी लगाई जाती है। गर्मी के दिनों में पटरियों के टेढ़े होने की संभावना होती है और ठंड में चटकने की। इसलिए गर्मी में दिन में पेट्रोलिंग तो ठंड में रात में होती है। सामान्य दिनों में विभाग अपने हिसाब से ड्यूटी लगवाता है।

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आरपीएफ की मुस्तैदी हर दो किमी पर होती है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल में 1375 किमी रेल लाइन है। इसकी देखरेख व मेंटेनेंस के लिए 2650 ट्रैक मेंटेनर कैडर के कर्मचारी नियुक्त हैं। ये रेलवे ट्रैक की निगरानी कर रहे हैं।

ये कर्मचारी रेलवे ट्रैक की सुरक्षा और रखरखाव के लिए जिम्मेदार हैं।इन कर्मचारियों की जिम्मेदारियों में शामिल ट्रैक की नियमित जांच, ट्रैक की मरम्मत और रखरखाव, सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना व ट्रैक पर संदिग्ध गतिविधियों की जांच करना भी है। इन कर्मचारियों की मेहनत से रेलवे परिवहन सुरक्षित और सुचारु रहता है। वे रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

फ्रेट कॉरिडोर भी सतर्क, भरपूर सुरक्षा का खाका तैयार

फ्रेट कॉरिडोर के डीडीयू यूनिट में 280 किमी ट्रैक है। इसकी सुरक्षा के लिए 67 डीजीआर (सेवा निवृत्त जवान) और 84 गैंग मैन की तैनाती की गई है। ये जवान और गैंग मैन रेलवे ट्रैक पर निगरानी करते हैं और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित कराते हैं।

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इसके अलावा डीएफसी ट्रैक पर 24 घंटे गश्त की व्यवस्था है। डीएफसी के सभी स्टेशन सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हैं।समय-समय पर संदिग्ध गतिविधियों की जांच होती है। डीजीआर जवान और गैंग मैन मिलकर फ्रेट कॉरिडोर की सुरक्षा को मजबूत बनाते हैं और माल ढुलाई परिवहन को सुरक्षित और सुचारु बनाए रखते हैं। इसके अलावा यूनिट के आला अधिकारी ट्राली व निरीक्षण यान से भी निरीक्षण किया करते हैं।

डीडीयू मंडल सीनियर कमांडेन्ट जथिन बी राज ने कहा कि ट्रैक मेंटेनेंस कैडर के कर्मचारी इंजीनियर विभाग के पास है। उन्हें भी लगाया गया है। आरपीएफ ने भी अपने कुछ अति संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त फोर्स की तैनाती की है। बाकी सिग्नल व इंजीनियरिंग विभाग को ट्रैक किनारे रखे अनयूज्ड सामना को हटाने के लिए बोला गया है। 

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