जागरण संवाददाता, चंदौली।
भूमि अधिग्रहण के विरोध में सोमवार को किसानों व ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल अपर जिला अधिकारी अभय पांडेय से मिला। मांग किया कि मिल्कीपुर बंदरगाह से जीवनाथपुर रेलवे स्टेशन तक प्रस्तावित रेलवे लाइन परियोजना को निरस्त किया जाए। एडीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
किसानों ने कहा कि इसके पूर्व भी अपना विरोध प्रदर्शन किया गया था, लेकिन रेलवे प्रशासन और बंदरगाह अथॉरिटी के लोग किसानों और ग्रामीणों की कीमती जमीन जबरिया अधिग्रहण करने की कोशिश कर रहे हैं। कहा कि रेलवे लाइन घनी आबादी के बीचो-बीच से ले जाने का प्रयास किया जा रहा है।
किसानों के खेत में लगाए गए पिलर
पटनवा, हमीरपुर, गोपालपुर, ताहीरपुर, मिल्कीपुर आदि गांव के किसानों से बिना बातचीत किए ही उनके खेतों में पिलर लगा दिया गया है जो गैरकानूनी है। इससे किसानों में रोष है। विकास के नाम पर पहले भी जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। कहा कि किसानों के अनुमति के बिना जमीन का अधिग्रहण न किया जाए।
वाराणसी जिले के बराबर व आवासी व व्यवसायिक सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा दिया जाए। विस्थापित परिवारों को पक्की नौकरी सुनिश्चित की जाए। यदि किसानों को बाजार मूल्य का चार गुना मुआवजा दिया जाएगा तब किसान अपनी भूमि देने पर विचार कर सकते हैं नहीं तो किसान अपनी एक इंच भी भूमि अधिग्रहण नहीं करने देंगे। समाजवादी मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष चंद्रभानु यादव, तस्लीम अंसारी, सुदामा यादव, चंद्रशेखर यादव, दिलीप पासवान, मनोज सोनकर सहित अन्य किसान शामिल थे।
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