मर्यादित जीवन की सीख देती राम कथा
चकिया(चंदौली) राम का चरित्र अनुकरणीय है। जो कोई प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलने का संकल्प ले लेतो उसका जीवन धन्य हो जाता है।
जागरण संवाददाता,चकिया(चंदौली): राम का चरित्र अनुकरणीय है। जो कोई प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलने का संकल्प ले ले,तो उसका जीवन धन्य हो जाता है।यह बात मुरादपुर स्थित हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित संगीतमय श्री राम कथा की पांचवीं निशा शुक्रवार को मानस मयूरी साध्वी शालिनी त्रिपाठी ने कही।
कहा कि जीवन की सार्थकता के लिए अध्यात्म व धर्म का अनुसरण बहुत जरूरी है। कहा श्री राम कथा आदर्श पथ पर चलने की प्रेरणा देती है। भगवान राम का चरित्र जहां एक ओर पारिवारिक रिश्तों की अहमियत को दर्शाता है। वही दूसरी ओर जाति पाती के भेदभाव को मिटाकर मानव मात्र में सौहार्द की भावना जगाता है। भगवान श्रीराम ने अहिल्या का उद्धार करके यह बताया कि महान वो है जो पतित प्राणियों को पावन बनाकर समाज की मुख्य धारा मे जोड़ दें। मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने मिथिला पुरी का भ्रमण बड़ी शालीनता के साथ किया। राम और लक्ष्मण के आगमन की सूचना मिली तो लोग धाम और काम दोनों को ही छोड़कर अत्यंत विह्वल होकर राम के दर्शनों के लिए दौड़ पड़े। होली और दिवाली जैसे पर्व खुशियों के रंग और आध्यात्मिक प्रकाश की ऊर्जा को बढ़ाते हैं।वही पाश्चात् संस्कृति से आए पर्व हमारी युवा पीढ़ी को भ्रमित कर रहे हैं।मर्यादित जीवन के सूत्रों को रामकथा से ही सीखा जा सकता है। नर्मदेश्वर मिश्रा, सत्या पांडेय,कमलेश पांडेय,अरविद पांडेय,सरिता देवी प्रधान आदि कथा प्रेमियों ने पोथी पर माल्यार्पण कर आरती की।