चंदौली की यूरोपियन कालोनी में अंग्रेजों ने 1935 में बनवाया था रोमन कैथोलिक चर्च, मदर टेरेसा का भी रहा है संबंध
चंदौली जिले में यूरोपियन कालोनी में अंग्रेजों ने वर्ष 1935 में रोमन कैथोलिक चर्च का निर्माण कराया था। इस चर्च में मदर टेरेसा के अलावा जार्ज फर्नांडीज भी आ चुके हैं। अब माह भर में क्रिसमस पर्व के लिए लिए तैयार किया जा रहा है।
By vijay singhEdited By: Abhishek sharmaUpdated: Wed, 23 Nov 2022 12:20 PM (IST)
चंदौली, जागरण संवाददाता। ईसाई धर्म के प्रमुख तीन तीर्थ स्थलों में से एक यूरोपियन कालोनी स्थित रोमन कैथोलिक चर्च भी है। यहां प्रभु बाल यीशु का गिरजाघर है, जहां पर पूरे देश भर से दर्शन व प्रार्थना के लिए इसाई धर्म से जुड़े लोग आते हैं। 1935 में अंग्रेजों ने चर्च का निर्माण कराया था। यहां भारत रत्न मदर टेरेसा, पूर्व रेलमंत्री जार्ज फर्नांडिस व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा सहित कई बड़ी बड़ी हस्तियां यहां आ चुकी हैं।
क्रिसमस डे को यहां हजारों से अधिक की भीड़ होती है। इस समय चर्च में क्रिसमस की तैयारी चल रही है। वहीं बाल यीशु के महापर्व को लेकर 27 नवंबर को भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें पूरे देश से ईसाई धर्म के लगभग दस हजार लोगोें के जुटने की संभावना है। जंक्शन से पांच सौ मीटर की दूरी पर स्थित यूरोपियन कालोनी में जनपद का सबसे पुराना चर्च है।24 दिसंबर की अर्धरात्रि से 25 दिसंबर तक क्रिसमस का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। सुबह से प्रार्थना, मिस्सा बलिदान, सुबह नौ बजे से श्रद्धालुओं व चर्च में आने वाले भक्तजनों को चर्च परिसर में सजाई गईं विभिन्न झाकियों व विशेषतौर पर सजाई गई चरनी का दर्शन मिलेगा। साथ ही चर्च के पादरी द्वारा श्रद्धालुओं को आशीष दिया जाएगा। चर्च में 25 दिसंबर को लोग कैंडिल जलाएंगे। अपनी मन्नतें व प्रार्थना लिखकर बालक यीशु से प्रार्थना कर दानपेटी में डालेंगे।
बोले चर्च प्रमुख : वर्षों पहले चर्च का निर्माण कराया गया था। पूरे भारत में यह चर्च प्रभु बालक यीशु के तीर्थ स्थान के रूप में गिना जाता है। हर साल ख्रीस्त जयंती तीर्थ पर्व क्रिसमस से चार सप्ताह पूर्व मनाया जाता है। इसमें भाग लेने के लिए भारत के विभिन्न कोने से लोग यहां शामिल होते हैं। पर्व को देखते हुए चर्च में तैयारी जोरों पर है। चर्च को आकर्षण ढंग से सजाया जाएगा। - विपिन सीजे, फादर, रोमन कैथोलिक चर्च।
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