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UPPCL: अवैध कटिया कनेक्शन पर नहीं लग पा रही लगाम, वैद्य उपभोक्ताओं को झेलनी पड़ रही परेशान

ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली चोरी एक गंभीर समस्या है जिससे वैध उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। बिजली चोरी के कारण ओवरलोडिंग और ट्रिपिंग की समस्या आम हो गई है। बिजली विभाग के प्रयासों के बावजूद चोरी पर पूरी तरह से अंकुश नहीं लग पा रहा है। इस लेख में बिजली चोरी की समस्या और उसके समाधान पर चर्चा की गई है।

By Pradeep Kumar Upadhyay Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 24 Sep 2024 11:46 AM (IST)
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नहीं लग पा रहा अवैध कटिया कनेक्शन पर लगाम.वैध उपभोक्ता परेशान

संवाद सूत्र, शिकारगंज (चंदौली)। शासन की ओर से भले ही बिजली चोरी व लाइन लास को कम करने के लिए नित नए उपाय किए जा रहे हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में विद्युत चोरी का सिलसिला बदस्तूर जारी है। हालांकि विभाग की ओर से नंगे तार हटाकर हाल के दिनों में मोटा कवर केबल लगाकर बिजली चोरी रोकने का प्रयास किया गया है, लेकिन अभी शत प्रतिशत सफलता नहीं मिल पाई है।

बिजली चोरी के कारण कनेक्शन लिए उपभोक्ताओं को जहां ओवरलोड की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, वहीं लोड के कारण विद्युत ट्रिपिंग की समस्या आम हो गई है। दरअसल बिजली अब सभी की जरूरत बन गई है। बिना इसके दिनचर्या की शुरूआत होना मुश्किल है। गांव हो या शहर हाल के वर्षों में बिजली की खपत में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि सरकार की ओर से बिजली की आवश्यकता की पूर्ति का हर संभव प्रयास भी किया जा रहा है।

बिजली चोरी बनी समस्या

नगर व कस्बों में तो उपभोक्ताओं को बिजली मिल ही रही है। ग्रामीण इलाके भी इससे अछूते नहीं है। गांवों में भी शासन की ओर से रोस्टर के अनुसार बिजली की आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया है, लेकिन बिजली की चोरी विद्युत आपूर्ति में बाधा बनी हुई है। बिजली की चोरी होने से विद्युत सब स्टेशनों पर लोड बढ़ने के कारण आए दिन ट्रांसफार्मर जलने की शिकायत आम हो गई है।

ऐसे में उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा कोई गांव नहीं जहां चोरी की शिकायत न हो, लेकिन विभाग इस पर पूरी तरह अंकुश नहीं लगा पा रहा है।

विद्युत विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, लाइन लास की गणना करने के लिए एक निश्चित फार्मूला होता है। इसमें उपकेंद्र से उस फीडर को जाने वाली कुल बिजली, उपयोग की गई बिजली, उपभोक्ताओं के यहां मीटर में हुई रीडिंग और जमा हुए बिल की गणना की जाती है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी फीडर को 100 यूनिट बिजली गई और मीटर रीडिंग 80 यूनिट की ही आई तो 20 यूनिट बिजली चोरी हो गई या फिर उसकी गणना नहीं है।

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