बीते शुक्रवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री द्वारा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के शिलान्यास के बाद लोगो में हर्ष व्याप्त है। लोगों को अब उम्मीद जग गई है कि वाराणसी से कोलकाता की दूरी आसान होगी। वर्तमान में चंदौली से कोलकाता पहुंचने में सड़क मार्ग से 13 से 14 घंटे का समय लगता है लेकिन आने वाले दिनों में यह दूरी महज छह से आठ घंटे में तय कर ली जाएगी।
संवाद सूत्र, ताराजीवनपुर (चंदौली)। भारत माला परियोजना के तहत बीते शुक्रवार को वाराणसी में प्रधानमंत्री द्वारा वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे के शिलान्यास के बाद लोगो में हर्ष व्याप्त है। लोगों को अब उम्मीद जग गई है कि वाराणसी से कोलकाता की दूरी आसान होगी।
वर्तमान में चंदौली से कोलकाता पहुंचने में सड़क मार्ग से 13 से 14 घंटे का समय लगता है, लेकिन आने वाले दिनों में यह दूरी महज छह से आठ घंटे में तय कर ली जाएगी। एक्सप्रेसवे चंदौली के रेवसा से शुरू होकर रांची होते हुए कोलकाता पहुंचेगा।
पूर्वांचल के लोगों को मिलेगा लाभ
वाराणसी-चंदौली रिंग रोड चंदौली के रेवसा में इस एक्सप्रेसवे से जुड़ जा रहा है। जिससे पूर्वांचल के लोगों को भी इसका भरपूर लाभ मिलेगा। भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी से कोलकाता तक एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है, वहीं किसानों को मुआवजे का भुगतान भी किया जा रहा है। यह एक्सप्रेस वे 686 किमी लंबा व सौ मीटर चौड़ा यानी आठ लेन का रहेगा।
इससे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व बंगाल जुड़ जाएंगे। इसके निर्माण में लगभग 1317 करोड़ की धनराशि खर्च होगी। इस एक्सप्रेस वे के निर्माण का उद्देश्य बौद्धिक व कभी आर्थिक राजधानी रहे काशी को कोलकाता से सीधे तौर पर जोड़ना है। इस एक्सप्रेस वे का लगभग 40 किमी लंबा रास्ता चंदौली जनपद के 24 गांवों से होकर बिहार में प्रवेश करेगा।
जमीन अधिग्रहण का 70 प्रतिशत काम हुआ पूरा
उप जिलाधिकारी, मुगलसराय विराग पांडेय ने कहा कि जमीन अधिग्रहण व मुआवजा भुगतान प्रक्रिया कार्य लगभग 70 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है। शेष अधिग्रहण व भुगतान की प्रक्रिया जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा।
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