चित्रकूट में नर्स से सामूहिक दुष्कर्म मामले में एक्शन, एसपी ने थाना प्रभारी को किया निलंबित; आरोपित अभी भी दूर
चित्रकूट में एक नर्स के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी राकेश मौर्या को निलंबित कर दिया है। उन पर गश्त में लापरवाही और ऑपरेशन दृष्टि के तहत लगे खराब सीसीटीवी कैमरा की मरम्मत न कराने का आरोप है। जिससे 48 घंटे बाद भी आरोपितों की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस ने चार अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
संवाद सूत्र, बरगढ़ (चित्रकूट)। नर्स के साथ सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी राकेश मौर्या को निलंबित कर दिया है। उनकी जगह में कोतवाली कर्वी में तैनात उप निरीक्षक पंकज तिवारी को बरगढ़ भेजा है। निलंबित थाना प्रभारी पर गश्त में लापरवाही और ऑपरेशन दृष्टि के तहत लगे खराब सीसीटीवी कैमरा की मरम्मत न कराने का आरोप है। जिससे 48 घंटे बाद भी आरोपितों को पहचान नहीं हो सकी है।
थाना बरगढ़ कस्बा के एक नर्सिंग होम में काम करने वाली 23 वर्षीय नर्स को शनिवार की सुबह चार युवकों ने बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म किया था और दोनों हाथ बांध कर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया था। वह जंगली रास्ते से नर्सिंग होम ड्यूटी पर साइकिल से जा रही थी। तभी आरोपितों ने उसे बंधक बना लिया था।
चार अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
मुंह में कपड़ा ठूंस कर दरिंदगी की थी। नर्स के पिता की तहरीर पर पुलिस ने चार अज्ञात आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। घटना के 48 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है।रविवार को आईजी प्रयागराज जोन प्रेम कुमार गौतम व डीआईजी अजय कुमार सिंह ने घटना स्थल का निरीक्षण किया था और जल्द आरोपितों के गिरफ्तारी के आदेश दिए दिए थे। एसपी ने बताया कि 48 घंटे में आरोपितों को चिह्नित नहीं किया जा सका है इसका कारण है कि ऑपरेशन दृष्टि के तहत कस्बे में लगे तमाम कैमरे खराब है उनकी मानिटरिंग थाना प्रभारी राकेश मौर्या ने नहीं की थी।
आरोपित अभी तक नहीं हुए चिह्नित
जहां पर घटना हुई है वहां पर भी कुछ लोग ऐसे है जिनको मोटिवेट कर कैमरा लगवाए जा सकते थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वहीं गश्त में भी लापरवाही की गई है। जिसको देखते हुए थाना प्रभारी पर कार्रवाई गई है। साथ ही अधिकारियों ने निर्देश पर कस्बा बरगढ़ के सीसीटीबी कैमरो की फुटेज, इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, परम्परागत पतारसी सुरागरसी एवं मुखबिरी के माध्यम से आरोपितों को चिन्हित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए जांच टीमों के अतिरिक्त एसओजी, फील्ड यूनिट,सर्विलांस सेल को अलग से लगाया गया है।
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